Friday, April 26, 2024
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ह्यूमन वैल्यू को जानने देशभर से जुटे तकनीकी के दिग्गज प्रोफेसर्स

टीईक्यूआइपी के तहत इंडेक्शन प्रोग्राम के लिए एचबीटीयूु में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
साइंस आॅफ रिलेसंशिप को जानने कई प्रदेशों से आए सौ प्रोफसर्स ने लिया कार्यशाला में भाग
पंकज कुमार सिंह
कानपुर। मानवीय मूुल्य को समझे बिना सुख की निरन्तर अनुभूति का अभाव रहता है। यही कारण है कि काॅलेजों में पढ़ाई करने के बाद भी छात्र अपने कैरियर के साथ मानवीय जीवन के पथ से विमुख हो रहे हैं। पढ़ाई के साथ हीं जीवन जीने की कला और अस्तित्व के साथ सम्बन्धों की व्यवस्था को जानने के लिए छात्रों को विशेष विज्ञान से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए इंजीनियंरिग काॅलेजों में इंडक्शन प्रोग्राम चलाया जाएगा। इसके लिए काॅलेजों के प्रोफसर्स को प्रशिक्षण के लिए विशेष कार्यशाला का अयोजन भी किया जाएगा। यह बात टेक्नीकल एजूकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआइपी) की कार्यशाला में एकेटीयू के कुलपति प्रोफसर विनय पाठक ने कही।
22 सितम्बर से 25 सितम्ब्र तक शहर के स्टेप एचबीटीयू के सभागार में चले तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में देश के दिग्गज प्रोफेसर्स ने हिस्सा लिया। प्रातः 9 बजे से सांय 6 बजे तक प्रतिदिन चली कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से आए इंजीनियरिंग के सौ प्रोफेसर्स ने ह्यूमन वैल्यू प्रोफेशनल एथिक्स के तहत साइंस आॅफ रिलेशंशिप को गहराई से समझा। शहर के एमपीईसी के प्रोफेसर भानू प्रताप सिंह ने ह्यूमन वैल्यू प्रोफशन ऐथिक्स की विषय वस्तु को विस्तार से रखा। श्री सिंह ने निश्चित मानवीय आचरण को विकसित करने के साथ अस्तित्व की सभी इकाईयां के बीच सम्बन्धों के विज्ञान को पेश करते हुए अस्त्वि की व्यवस्था पर प्रकाश डाला और बताया कि सभी के बीच एक व्यवस्थित नियमों के तहत सम्बन्धों का निर्वहन होता है। इसी को सम्बन्धों का विज्ञान कहा जाता है।
सभी प्रोफसर्स ने एक जुटता के साथ ह्यूमन वैल्यू को आज के समय की जरूरत समझा। इसके लिए काॅलेजों में प्रोफेसर्स के प्रशिक्षण के लिए इंडकशन प्रोग्राम चलाने की रूपरेखा तैयार करने की बात कही गई। इसी के साथ अतिथित के तौर पर आमंत्रित आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर एमजे खान यूसुफजई ने कहा कि इंजीनियरिंग छात्रों को काॅलेज कैंम्पस में पारिवारिक माहौल मिले इसके लिए प्रवेश के समय से 21 दिन यानि तीन सप्ताह तक छात्रों के बीच कोर्स की पढ़ाई के बिना पारिवारिक माहौल में उनकी क्षमता और कमियों को समझने को लेकर कार्य करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने संस्थाओं में किए गए प्रयोंगों का उदाहरण भी पेश किया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य एकेटीयू के कुलपति विनय पाठक ने किया। प्रोगाम कोर्डिनेटर प्रोफसर रचना अस्थाना,प्रोफेसर करूणाकर,प्रो.प्रवीन यादव,डाॅ.एके राठौर, डाॅ.सुशील कुमार,डाॅ.वंदना दीक्षित सहित महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, तेलंगाना, कर्नाटक, पुडुचेरी, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के इंजीनियरिंग प्रोफेसर्स कार्यशाला में मौजूद रहे।