Friday, April 26, 2024
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अति पिछड़ा वर्ग की जातियों का विशाल सम्मेलन 18 को

फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। एमसीईए उ.प्र की जिला इकाई के द्वारा पालीवाल हाॅल में अति पिछड़ों की जातियों का एक विशाल सम्मेलन का आयोजन 18 अगस्त को किया जायेगा। जिसमें सविता, वारी, राठौर, तमोली, भुज, कहार, कुम्हार, मेथिल, बढ़ई, लाहौर, माली, गडरिया, काछी, मुराव, पटवा, डफाली आदि समाज के लोग एक मंच पर एकत्रित होकर अपनी ताकत का एहसास केन्द्र व प्रदेश की सरकारों को करायेंगे।
एमसीईए उप्र के अपर महासचिव राजनाथ नंद वार्ता के दौरान बताया कि अति पिछड़ा वर्ग की जातियों का एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में मुख्य रूप से आॅल इण्डिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य डा. पीएल पुनिया, कांग्रेस की पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद ताम्रध्वज साहू, एमसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद नंद, पूर्व सांसद एवं विधान परिषद सदस्य महाराष्ट्र हरिभाऊ राठौर, आदर्श जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार झा, नेशनल काॅडीनेटर एआईसीसी प्रभारी तेलगांना व आंध्र प्रदेश प्रकाश सोनवड़े आदि भाग लेंगे। राजकुमार राठौर एवं जेपी बघेल ने संयुक्त रूप से बताया कि अति पिछडा वर्ग में सविता, वारी, राठौर, तमोली, भुज, कहार, कुम्हार, मेथिल, बढ़ई, लाहौर, माली, गडरिया, काछी, मुराव, पटवा, डफाली आदि जातियों की केन्द्रीय शासन एवं राज्य शासन में भागीदारी शून्य है। इन जातियों को देश व प्रदेश के नेताओं ने मात्र गुलाम के रूप में इस्तेमाल किया है। जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति न सोच सकें और न ही जाग्रत हो सके। केन्द्रीय एवं राजकीय सेवाओं में इनके अधिकारों को पिछड़े वर्गो की मजबूत जातियों ने छीन लिया है। मण्डल आयोग के सदस्य एलआर नायक ने अपनी सिफारिश में सन् 1980 की रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कमजोर एवं शोषित अति पिछडी जातियों को पृथक से आरक्षण नहीं दिया गया तो ठीक वैसी ही स्थिति उत्पन्न हो जायेगी जैसे कि किसी तालाब में बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। आज पिछड़ा वर्ग की मजबूत जातियों में यादव, जाट, गर्जर, कुर्मी एवं लोधी शेष 42 प्रतिशत अति पिछडी जातियों को आरक्षण कोटा निरंतर खा रही है। अति पिछड़े वर्ग सम्मेलन में अति पिछडी जातियों में एक वर्गीय चेतना एवं जनजागरण का शंकनाद किया जायेगा। राज्य एवं केन्द्र सरकार से मांग की जायेगी कि बिहार राज्य की भांति पूरे देश एवं सभी राज्यां में अति पिछडी जातियों को पृथक आरक्षण लागू किया जाये। बिहार की तरह केन्द्र में भी कर्पूरी ठाकुर फार्मूला लागू करके पिछडे वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण का बंटवारा करके 15 प्रतिशत अलग आरक्षण प्रति पिछडे वर्ग को दिया जाये। अति पिछडे वर्ग आयोग का गठन कर उसे संवेधानिक दर्जा दिया जाये। एससी/एसटी की तर्ज पर अति पिछडी जाति से संरक्षण अधिनियम बनाकर उत्पीड़न रोका जाये। वार्ता के दौरान महेश चन्द्र गोला, बृजेश कश्यप, भोले शंकर करण, इनाम सिंह प्रजापति, होरीलाल बघेल, डा. राधेश्याम कुशवाह, राजवीर सिंह सविता, रघुराज सविता, डा. रमेश जर्रा, रमाशंकर नंद, राकेश कुमार झा, प्रधान राजवीर शर्मा, अनूप प्रताप, डा. ज्ञान सिंह शाक्य, डा. डीआरवर्मा, ग्रीश नायक, शंकर पाल सिंह, कैलाश नायक आदि मौजूद रहे।