Friday, April 26, 2024
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बरामई के युवक का लढौटा में मिला शव फैली सनसनी

हाथरस/सासनी, जन सामना ब्यूरो। हाथरस के गांव हतीसा सात बरामई के माजरा नगला गजुआ के 41 वर्षीय युवक चंद्रमोहन सिंह पुत्र राजपाल सिंह का शव लढौटा के जंगलों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। गांव लढौटा में जब सुबह तडके लोग जंगलों को जा रहे थे तभी कुछ ग्रामीणों ने ग्रामीण राजू उपाध्याय के खेत के निकट सडक के किनारे सुबह लोगों ने एक युवक के शव को पडा देखा, शव के मुंह पर मृतक की बाइक पड़ी थी। यह देखकर ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने शव मिलने की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और शव की पहचान के लिए मृतक तलाशी ली। जिसमें उसकी जेब से मिले आधार कार्ड, पेनकार्ड, तथा पहचान पत्र के माध्यम से जानकारी हुई। पुलिस वायरलेस के जरिए कोतवाली हाथरस पुलिस को संपर्क किया और मृतक के परिजनों को सूचना देने की कही। हाथरस पुलिस ने मृतक के परिजनों को चंद्रमोहन की मौत की खबर दी तो उसके घर में कोहराम मच गया। इधर पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। उधर सूचना मिलने पर मृतक के परिजन पोस्टमार्टम गृह पहुंच गये। परिजनों से जानकारी मिली कि चंद्रमोहन वैसे तो समाजवादी पार्टी व्यापार सभा ब्लाॅक अध्यक्ष था, जिसे गुड्डा चौधरी के नाम से जाना जाता था। मगर दो माह पूर्व वह एक कंपनी में गार्ड के रूप में काम कर चुका था। फिलहाल काम की तलाश में घूम रहा था। गुरूवार को चंद्रमोहन के फोन पर करीब बारह बजे एक फोन आया। जिसे सुनकर चंद्रमोहन लाल रंग की बाइक संख्या-यूपी 86 टी 2135 सीडी डीलेक्स को लेकर घर से निकल गया। रात को जब वह काफी देर तक नहीं आया तो परिजनों को चिंता हुई। चंद्रमोहन के नंबर पर कई बार फोन किया मगर स्विच आॅफ होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। सुबह पुलिस ने उसकी मौत की सूचना दी। मूलरूप से सादाबाद के समदपुर का रहने वाला था चंद्रमोहन किसी कारण वश उसके पिता थाना इगलास के गांव हस्तपुर आ गये । मगर वहां से भी वह पलायन कर हतीसा के सात बरामई के गांव नगला गजुआ में रहने लगे थे। चंद्रमोहन के पिता की मौत कई वर्ष पूर्व हो गई थी। चंद्रमोहन के तीन अन्य भाईयों पर कृषि भूमि न होने के कारण मेेहनत मजदूरी अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं चंद्रमोहन भी इसी प्रकार अपनी गुजर बसर कर रहा था। चंद्रमोहन के दो बेटा और एक बेटी है। चंद्रमोहन की मौत के बाद उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा। यह उसकी पत्नी के सामने बडा सवाल है। समाचार लिखे जाने तक मृतक के परिजन पोस्टमार्टम गृह पर होने के कारण घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी।