Monday, September 23, 2024
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डीयूएसआईबी से दिल्‍ली के झुग्‍गी झोपड़ी समूहों की पहचान करने के लिए मांग

जीएनसीटीडी 17,660 निर्मित आवासों और करीब 16,000 निर्माणाधीन आवासों के बारे में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को स्थिति रिपोर्ट देगा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने डीयूएसआईबी से कहा है कि वह दिल्‍ली के झुग्‍गी झोपड़ी समूहों (जेजेसी) में अवैध रूप से बसे लाभान्वित होने वाले (झोपड़ पट्टियों में रहने वाले) योग्‍य लोगों की पहचान करने के लिए मांग सर्वेक्षण पूरा करे। श्री मिश्रा ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्‍ली के राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) 17,660 निर्मित आवासों और करीब 16,000 निर्माणाधीन आवासों के बारे में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को स्थिति रिपोर्ट सौंपे। श्री मिश्रा जीएनसीटीडी, दिल्‍ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्‍ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) और दिल्‍ली राज्‍य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के अधिकारियों की एक बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे थे। बैठक, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय और अन्‍य कार्यालयों के बाहर पीएमएवाई (यू) के अंतर्गत मकानों के आबंटन के लिए बड़ी संख्‍या में आवेदकों की पंक्तियों के सम्‍बन्‍ध में चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
यह भी फैसला किया गया कि डीयूएसआईबी और डीडीए अपनी वेबसाइटों के जरिये ऑनलाइन आवेदन फॉर्म की व्‍यवस्‍था करेंगे, ताकि लाभान्वितों को पीएमएवाई (यू) के सभी स्‍तरों के तहत लाभ मिल सके। इन फॉर्मों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये भी जमा किया जाएगा। डीयूएसआईबी झोपड़ पट्टी में रहने वालों के पुनर्वास का काम देखेगी, जबकि डीडीए अन्‍य शहरी गरीबों की आवास की मांग को देखेगी। श्री मिश्रा ने डीडीए से कहा कि वह उसके द्वारा निर्मित करीब 40,000 मकानों को बेचने के लिए शिविरों का आयोजन करे। इस कार्य में विभिन्‍न वित्‍तीय संस्‍थाओं, राष्‍ट्रीयकृत बैंकों और राष्‍ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के साथ सहयोग करें, ताकि पीएमएवाई(यू) के अंतर्गत ऋण से जुड़ी सब्सिडी योजना (सीएसएलएल) के अंतर्गत लोगों को 2.67 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकेगा। दिल्‍ली सरकार के अधिकारियों ने आश्‍वासन दिया है कि छह महीनों में इन आवासों में लोग रहने लगेंगे। इनकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
हाल के महीनों के दौरान कुछ अज्ञात व्‍यक्तियों के समूह ने लोगों के बीच ‘फर्जी आवेदन फॉर्म’ बांटे और लोगों से कहा कि वे आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के कार्यालय और अन्‍य कार्यालयों में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के अंतर्गत मकानों के आबंटन के लिए आवेदन जमा कर सकते है। लोगों के बीच फर्जी आवेदन फॉर्म बांटने के गैर-कानूनी कार्य में शामिल अज्ञात लोगों के खिलाफ नई दिल्‍ली स्थित साउथ एवेन्‍यू पुलिस थाने में 11 जुलाई, 2019 को एफआईआर दर्ज की गई।