Sunday, September 22, 2024
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जरूरत एक मजबूत विपक्ष की…

कांग्रेस अब भी लोकसभा की चुनावी हार के बाद राहुल के इस्तीफे पर ही बहस-मंथन में जुटी है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी को अब इससे उबरना चाहिए। कांग्रेस जिस दौर से गुजर रही है, उसमें पार्टी को स्वयं के आंकलन की जरूरत है। आज देश में एक मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है। चुनावी दौर में जो सियासी हथकंडे अपनाए गए वो बड़े अजब-गजब थे। यह जो ढकोसले वाली राजनीति का चलन शुरू हुआ है, उससे आप जनता का दिल नहीं जीत सकते, फिर चाहे वह मंदिर जाने से लेकर यज्ञोपवीत पहनना हो या फिर टोपी पहनना। चाहे वह कोई भी दल हो। आज जनता मुद्दे पर ही बात करना चाहती है।
कर्नाटक में इन दिनों नेताओं के इस्तीफे का दौर शुरू है और गठबंधन टूट रहे हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि देश में सत्ता का केंद्रीकरण हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस को सियासी रणनीति बदलने की जरूरत है। यह लोकतंत्र के प्रति उसकी जिम्मेदारी है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी की सत्ता पक्ष की आलोचना के लिये एक मजबूत विपक्ष हो। कांग्रेस के लिये जरूरी है कि अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए वह यह जगह भरे। विलाप नहीं, संघर्ष के जरिये। दिखावे की राजनीति से दूर होकर आप काम करिए… लोगों से जमीन पर जुड़िये… एसी कमरे में बैठकर राजनीति नहीं होती… जनता की तकलीफ, दर्द और परेशानियों को समझे। सिर्फ दिखावे की राजनीति के जरिये नहीं। जनता का दिल जीतिए… दूसरे पर कीचड़ उछालने से कुछ नहीं होगा.. अभी सिर्फ जमीं पर पैर जमाइए..खड़े होइए… हमारे भारत को जानिये पहचानिए।
बहुत नाराज होने के बाद भी लोगों ने मोदी को चुना… हिन्दुत्व की भावना जरूर है लेकिन फिर भी वह लोगों से जुड़े हुए हैं..लोगों की दिक्कतों को जानते समझते हैं..भले ही किसानों, जवानों को मोहरा बनाते हैं.. लेकिन अन्य दल भी इससे अलग नहीं है.. आज भाजपा से ज्यादा लोग मोदी को पसंद करते हैं… कई योजनाएं हैं उनकी लागू की हुई…जो सफल दिखती हैं.. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। फिर भी मोदी सफल है। -प्रियंका माहेश्वरी