Saturday, May 18, 2024
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आश्रयहीन व्यक्तियों हेतु रैन बसेरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी

शीत ऋतु की शुरुआत को दृष्टिगत रखते हुये शीतलहर से बचाव हेतु आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण करायें: मुख्य सचिव
गरीब एवं निराश्रित व्यक्तियों को शीत ऋतु के दौरान वितरित किये जाने वाले कम्बलों के क्रय की कार्यवाही समय से पूर्ण करा ली जाये: मुख्य सचिव
शीतलहर से बचाव हेतु अलाव के लिये आवश्यक धनावंटन की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कराते हुये समय से अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी
शीत ऋतु में वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिये कूड़ा, पालीथीन, पराली इत्यादि के जलाने को पूर्ण रूप से रोका जाये: मुख्य सचिव
पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक किया जाये तथा पराली जलाने से होने वाले कुप्रभावों की जानकारी किसानों की दी जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि शीत ऋतु कीशुरुआत को दृष्टिगत रखते हुये शीतलहर से बचाव हेतु आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण करा ली जाये। उन्होंने कहा कि आश्रयहीन व्यक्तियों हेतु रैन बसेरों की पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित करा ली जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति रात्रि में सड़क अथवा फुटपाथ पर सोने के लिये विवश न हो। उन्होंने कहा कि गरीब एवं निराश्रित व्यक्तियों को शीत ऋतु के दौरान वितरित किये जाने वाले कम्बलों के क्रय की कार्यवाही समय से पूर्ण करा ली जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज राजस्व, नगर विकास, पर्यावरण, कृषि एवं लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को दिये हैं। उन्होंने कहा कि जनपदों में समस्त जिलाधिकारियों एवं नगर आयुक्तों एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थायंे समय से सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि शीतलहर से बचाव हेतु अलाव के लिये आवश्यक धनावंटन की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कराते हुये समय से अलाव जलाने की व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जाये।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि शीत ऋतु में वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिये कूड़ा, पालीथीन, पराली इत्यादि के जलाने की घटनाओं को पूर्ण रूप से रोका जाये, निर्देशों का पालन न करने पर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक किया जाये तथा पराली जलाने से होने वाले कुप्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी किसानों को दी जाये। उन्होंने कहा कि पराली को खेत की मिट्टी में मिलाकर कम्पोस्टिंग हेतु अपेक्षित व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि निर्माण स्थलों के आस-पास धूल इत्यादि के नियंत्रण हेतु नियमित पानी के छिड़काव आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाये कि धूल न उड़े तथा जहां मिट्टी के ढेर हैं वहां पानी के छिड़काव की नियमित व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदूषण उत्पन्न करने वाले अन्य सभी स्रोतों पर भी अपेक्षित कार्यवाही की जाये।