एक जमाना था जब भारत ही नहीं दुनिया भर में साइकिल का बोलबाला था, धीरे-धीरे इनकी जगह स्कूटर-मोटरसाइकिल और अब कारों ने ले ली, मगर जगह तो ले ली पर साथ ही धरती पर इंसानों के बचने की जगह कम हो गई, कसरत के आभाव में इंसान सुविधा भोगी हो गया, परिणामस्वरुप उसे तरह-तरह की बीमारियों ने घेर लिया। ये सुनने में आपको हैरानी होगी कि अब दुनिया के अधिकांश डॉक्टर रोगियों को आधा घंटा साइकिल चलाने की नसीहत पर्ची पर लिखकर देने लगे है ताकि उनकी शारीरिक क्षमता बनी रहे और दवाइयों के कुप्रभाव न आये।
बचपन में तो हर किसी ने साइकिल चलाई है लेकिन आज के इस दौर में साइकिल जैसी चीजें बहुत कम ही देखने को मिलती हैं। लोग आज कल मोटरसाइकिल और कार से जाना ज्यादा पसंद करते हैं। मगर क्या आपको मालूम है कि साइकिल आपके सेहत के लिए कितने फायदेमंद साबित हो सकती है। बचपन में जब हम साइकिल चलाते थे तो हमारी सेहत बनी रहती थी और हमे किसी भी बीमारी लगने का खतरा नहीं होता था। यहां तक कि साईकिल चलाने के बाद भी हम पूरा दिन एक्टिव रहते थे।
यही नहीं आज पूरी दुनिया में सरकारें स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए साइकिल चलने को बढ़ावा देने में जुटे हैं इस दिन लोगों में साइकिल चलाने के फायदे यानि पर्यावरण, सेहत और किफायती दामों वाले ट्रांसपोर्टनेशन के फायदों के बारे में जागरूक किया जाता है। आमतौर पर तेजी से वजन घटाने के लिए लोग अक्सर जिम में भी साइक्लिंग करना पसंद करते हैं। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया। विश्व साइकिल दिवस के लिए संकल्प,साइकिल की विशिष्टता, दीर्घायु और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानता है, जो दो शताब्दियों से उपयोग में है, और यह परिवहन का एक सरल, सस्ता, विश्वसनीय, स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से उपयुक्त स्थायी साधन है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को बढ़ावा देने के लिए अपने समाजशास्त्र वर्ग के साथ एक जमीनी स्तर पर अभियान का नेतृत्व किया, जो अंततः तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों का समर्थन हासिल करने में सफल रहा साइकिल दिवस के लिए मूल लोगो यूएन ब्लू और व्हाइट #जून 3 वर्ल्डबाइकसाइड को आइजैक फेल्ड द्वारा डिजाइन किया गया था और साथ में एनीमेशन प्रोफेसर जॉन ईस्वानसन द्वारा सहयोग किया गया था। इसमें दुनिया भर के विभिन्न प्रकार के साइकिल चालकों को दर्शाया गया है। लोगो के निचले भाग में हैशटैग #June3WorldByclDay है। मुख्य संदेश यह दिखाना है कि साइकिल मानवता से संबंधित है
विश्व साइकिल दिवस एक वैश्विक अवकाश है जिसका अर्थ सभी लोगों द्वारा किसी विशेषता की परवाह किए बिना आनंद लेना है। मानव प्रगति और उन्नति के प्रतीक के रूप में साइकिल के रूप में सहिष्णुता, आपसी समझ और सम्मान और सामाजिक समावेश और शांति की संस्कृति बढ़ावा देता है। साइकिल “स्थायी परिवहन का प्रतीक है और एक सकारात्मक संदेश देती है।
विश्व साइकिल दिवस अब टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ जोड़ा जा रहा है। रोजाना 15-30 मिनट साइकिल चलाने से पेट की चर्बी और वजन घटाने में मदद मिलती है। अगर आप रात में ठीक से नींद नहीं ले पाते हैं, तो ऐसे में नियमित रूप से सुबह के समय 15-20 मिनट साइकिल चलाने से लाभ होता है। रोजाना सुबह के वक्त साइकिल चलाने से आपकी फिटनेस बरकरार रहती है। क्योंकि इससे ब्लड सेल्स और स्किन में ऑक्सीजन की पर्याप्त पूर्ति होती है आपकी त्वचा ज्यादा अच्छी और चमकदार होने के साथ पूरे दिन एनर्जेटिक फील करते हैं और हमेशा जवान दिखते हैं।
नियमित रूप से साइकिल चलाने पर तेजी से कैलोरी बर्न होती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। जबकि यूनीवर्सिटी ऑफ कैरोलाइना की एक शोध के मुताबिक सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साइकिल चलाने के फायदे साइकिल चलाने से सेहत के साथ जेब और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। क्योंकि साइकिल, बाइक और कार की तुलना में सस्ती होती है और पेट्रोल, डीजल से होने वाले एयर पॉल्यूशन का भी खतरा नहीं रहता है।
यही साइिकल हमारी फिल्मों में भी कई बार बेहतरीन तौर पर इस्तेमाल की गई है। बॉलीवुड के कई ऐसे गीत हैं जिन्हे हिंदी फिल्मों के लिए साइकिल पर ही फिल्माए गया है, हीरो हीरोइन के बीच रोमांस से लेकर, हीरोइन केसाथ छेड़छाड़ हो या फिर कॉमेडी हो, कई ऐसे ही गीत है जिनको फिल्मकार साइिकल पर फिल्माना नहीं भूले । यह भले ही उस दौर के गाने हो जब साइिकल क सवार करना भी एक शान क सवार माना जाता था, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि यह गाने आज भी हम और आप गुनगुनाते नज़र आते है।
जो जीता वही सिकंदर’ मॉडर्न दिनों की बात की जाए तो लोगों के ज़हन में यही फिल्म आती है। हालांकि हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर- 2’ में भी टाइगर के साईकल चलाने की वजह से, उस फिल्म की तुलना इस फिल्म से की गई थी। लेकिन जहां आमिर की उस फिल्म में साईकिल पर एक बहुत ही शानदार गीत को फिल्माया गया था, वहीं टाइगर की फिल्म में ऐसा कोई गीत नहीं था। जो जीता वही सिकंदर का गीत ‘हारी बाजी को जीतना जिसे आता है” कॉलेज में कंपटीशन के दौरान आज भी चलाया जाता है। दरअसल, आमिर खान की यह फिल्म कॉलेज लाइफ, उसमें होते कॉन्पिटिशन पर आधारित थी। यह गीत की खास बात है कि यह गीत हर किसी को अपनी हारी बाज़ी को जीतने के लिए मोटिवेट करता है।
बन के पंछी गाए प्यार का तराना’(पड़ोसन – 1968), नैनो में दर्पण है दर्पण में है कोई देखूं जिसे सुबह शाम’ (आरोप – 1973), मैंने कसम ली, मैने कसम ली(तेरे मेरे सपने – 1971), बॉलीवुड के कुछ ऐसे गीत, जिन्होनें हिन्दी फिल्म में साइकिल पर कुछ बेहतरीन गीतों को फिल्माया है। विश्व साईकिल दिवस पर इस गीतों को सुन आप भी अपने इस दिन को बेहतरीन कर सकते हैं।