Tuesday, April 22, 2025
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भारत के ‘डिजिटल एयर स्ट्राइक’ से चीनी अर्थव्यवस्था नेस्तनाबूद

पिछले कुछ दिनों से जिस तरह सीमा विवाद को लेकर भारत व चीन के बीच तनातनी चल रही है और उसी बीच चीन द्वारा वार्ता के नाम पर हर बार की तरह धोखेबाजी के चलते सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प में भारत के २० जवानों की शहादत ने पूरे भारत को चीन के खिलाफ कर दिया। भारत के हर कोने से, हर वर्ग ने चीन के खिलाफ जंग का बिगुल बजा दिया, जगह-जगह चीन का विरोध करते लोग, सोशल मीडिया पर चीनी सामानों व आयातों के बहिष्कार को लेकर सरकार से गुहार ट्विटर जैसे बड़े सोशल नेटवर्क पर बड़ा मुद्दा ट्रेंड कर रहा था, जिसके चलते भारत सरकार ने राजनीति से ज्यादा राष्ट्रनीति को महत्व देते हुए चीन पर ‘डिजिटल एयर स्ट्राइक’ का करारा प्रहार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में किए गए एयर स्ट्राइक से कहीं ज्यादा खतरनाक यह डिजिटल एयर स्ट्राइक चीन की अर्थव्यवस्था पर एक साथ ५९ बमों का गिरना, चीन के लिए बेहद ही पीड़ादायक होगा जिसे चीन कभी भी भुला नहीं पाएगा। चीन इसकी टींसें सदियों-सदियों तक झेलेगा, गौरतलब है कि जो बाजार चीन ने भारत में इतने सालों की कड़ी मेहनत के बाद बनाया था उसे उसकी लालच व धोखेबाजी ने चंद मिनटों में ध्वस्त कर दिया है, उसकी दुकान भारत में लगभग बंद सी होती नजर आ रही है। हालांकि चीन ने जो पूरी दुनिया के साथ किया कोरोना वायरस को लेकर उससे उसकी पूरी दुनिया में पहले ही थू-थू हो रही है, दुनिया के लगभग हर देश चीन के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठा रहे हैं, अमेरिका ने तो यहाँ तक कह दिया कि चीन दोस्ती के लायक ही नहीं है वह दोस्ती के नाम पर पीठ में छूरा घोपता है।
भारत सरकार ने चीन की दुकान अपने यहाँ बंद करने में जिस टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है अर्थात् ‘डिजिटल एयर स्ट्राइक’ टेक्नोलॉजी यह पूरी दुनिया में पहली बार भारत ने किया है अतः भारत को इस टेक्नोलॉजी का जनक कहा जाना गलत न होगा। कोरोना देने वाले चीन के खिलाफ मौजूदा भारत सरकार के इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह देश की जनता के साथ है, वह जनता की आवाज और मांग को समझता है, उसके लिए पहले राष्ट्रनीति है बाद में राजनीति। हालांकि सीमा पर चीन की धोखेबाजी का जवाब हमारे सैनिकों ने पहले ही दे दिया था और अब देश की सरकार ने उस पर यह डिजिटल एयर स्ट्राइक करके यह मुहर लगा दिया कि हम पहले बोलते नहीं बाद में छोड़ते नहीं ! यह १९६२ का भारत नहीं , यह २०२० मोदी का भारत है काश यह बात चीन को पहले समझ में आ जाती तो आज उसे यह डिजिटल एयर स्ट्राइक न झेलना पड़ता।
हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही चीन के इन एप्लिकेशनों को बंद करने की सलाह दी थी, इनका कहना था कि इन एप्लिकेशनों के जरिए चीन भारत से डाटा चुराकर बाहरी देशों में बेचता रहा है जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। मगर आज दोनों देशों के बीच जब तनातनी बढी तो इस पर आखिरकार सरकार ने अमल करते हुए चीन के ५९ एप्लिकेशनों पर एक साथ रोक लगा दी जिसमें कई नामी-गिरामी यूसी ब्राउजर, टिक-टॉक जैसे कई एप्लिकेशन भी शामिल हैं, जिनका एक बहुत ही बड़ा नेटवर्क देश में मौजूद था। इन एप्लिकेशनों के यूजर्स भारत देश से ज्यादा किसी भी देश में नहीं थे इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन एप्लिकेशनों पर प्रतिबंध लगने से चीन की क्या हालत होगी, उसकी अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा।
सूत्रों का कहना है कि चीन की इन बड़ी दुकानों पर प्रतिबंध लगाने से चीन की वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा प्रभावित होने वाली है, जिसको लेकर चीन में खलबली मच गई है ऐसे में तिलमिलाया चीन फिर से कर सकता है कुछ घात ! जिसके लिए देश को सतर्क रहने की हिदायत भी दी है। हालांकि इसी बीच सूत्रों के मुताबिक आज दोनों सेनाओं के बीच फिर से वार्ता होने वाली है और वहीं तिब्बत ने भी भारत सरकार से अपना मुद्दा रखने की मांग की है क्योंकि तिब्बत को लेकर भी चीन ऊलजलूल बयान बाजियां करता रहा है। भारत सरकार के इन कदमों से इतना तो साफ हो गया है कि वह चीन के सामने झुकेगा नहीं, बल्कि उसे करारा जवाब देगा क्योंकि भारत पहले शांति चाहता है मगर इसे शांति भंग करने वालों को जवाब देना भी अच्छी तरह आता है।
रचनाकार – मिथलेश सिंह ‘मिलिंद’