Thursday, July 4, 2024
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नशा दाैलत का था 

नशा दाैलत का था
मगर इंसान काम आया
गुरुर अपनाे पर था
मगर ईश्वर ने आईना दिखाया
साेचा जिंदगी शाेहरत से चलती है
मगर जिंदगी चलाने के लिए दाे वक्त की राेटी ने साथ निभाया
नशा दाैलत का था
मगर इंसान काम आया
साेचा दाैलत से सब कुछ खरीद लूंगा
मगर जनाजे में वाे चार कंधा काम आया
नशा दाैलत का था
मगर इंसान काम आया
साेचा जिंदगी जी लूंगा बिना इंसान के एकेले
मगर जनाजे काे ढकने के लिए
कफन इंसान ने ही लाया
नशा दाैलत का था
बहुत घमंड था ऊँची काेठी का
मगर माटी से बनी झोपडी काे देख शुकून पाया
नशा दाैलत का था
मगर इंसान काम आया
जिंदगी रफ्तार से यू आगे निकल गई
पीछे मुड़ कर देखा तो सास थम गई|
इसलिए एै इंसान तु घमंड न करना
खुद काे दाैलत में बंद न करना