Monday, April 21, 2025
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भारत त्‍यौहार और उत्सावों का जीता जागता स्वरूप है, हर दिन मानाे त्‍यौहार

सभी धर्म के लाेग मिल जुल कर सभी त्‍यौहार को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाते है हमारे यहाँ अनेकाे त्यौहार मनाए जाते हैं और सभी त्‍यौहार के प्रति सबके मन में श्रद्धा और प्यार भी हाेता है और सभी का अपना महत्व भी है। पर हम बात करे एक ऐसे अनाेखे त्‍यौहार की जाे सबसे अलग और प्यारा है। जाे सावन मास की पूर्णिमा काे मनाया जाता है। वह है, रक्षाबंधन जाे दाे शब्द से मिल कर बना है रक्षा+बंधन, जिसका मतलब हैं बंधन रक्षा का, ये एक ऐसा बंधन है जहाँ रिश्तों काे धागाे मे पिराेया जाता है।
ये धागा मामूली धागा सूत्र नहीं हाेता है। इस धागे की महत्व सबसे अलग हाेता है। ये एक ऐसा धागा है जहाँ हम सभी धागों के जरिये रिश्तों में बंध जाते हैं। ये एक ऐसा त्‍यौहार है जहाँ बहन अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र जिसे हम राखी कहते हैं पूरे वचनों के साथ बांधती है और साथ ही अपने भाई को ढेरों आशीर्वाद देती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, तथा भाई भी उसे पूरे मन से जीवन भर रक्षा कवच के भांति उसकी सुरक्षा, सम्मान, हर सुख – दुख में साथ देने का वचन देता है। पर रक्षा सूत्र हम सिर्फ भाई काे ही नहीं बांधते है हम रक्षा सूत्र किसी काे भी बांध सकते हैं।
क्यों की ये ज़रूरी नहीं है कि रक्षा का वचन सिर्फ भाई ही ले सकता है। वाे काेई भी ले सकता है जो आपके हमारे जिंदगी मे हाे चाहे कोई भी बहन, भाई, माँ, बाप काेई भी और हमे सिर्फ बहन से ही नहीं रक्षा बंधवाना चाहिए बल्कि हर वाे लाेग जाे अपने है जाे आप के लिए मंगल कामना करते हैं, और साथ ही आप जिसकी सुरक्षा कर सकते हैं उन सभी को बांध सकते हैं।
इस रक्षा बंधन के अवसर पर क्यों न हम सभी कुछ अलग करें सभी रिश्तों काे खुले रुप से आज़ाद कर दें। जहाँ रिश्तों में बंधन नहीं आजादी हाे साथ ही सबका साथ हाे।
जहाँ भाई बहन सब एक दूसरे काे रिश्तों को धागों मे पिराेए और मिलकर रक्षा का वचन लें और साथ ही इसे सिर्फ घर तक ही नहीं बल्कि इसे घर के बाहर सभी तक भेजें।
साथ ही इस रक्षाबंधन के अवसर पर हम सभी को एकजुट हाेकर पर्यावरण की रक्षा के खातिर अपने आस -पासपास एक-एक पेड़ काे भी रक्षा धागा बांधे साथ ही उसे सुरक्षित रखने का वचन भी दे सिर्फ वचन ही न दे बल्कि उसे सच्चे मन से पूर्ण करें ताकि हम, हमारा समाज, देश और साथ ही सबसे ज़रूरी हमारा पर्यावरण सभी सुरक्षित रहें।
क्यों की जब तक पर्यावरण सुरक्षित है, तब तक हम सभी सुरक्षित हैं अर्थात् स्वच्छ पर्यावरण ही हमारा जीवन है। इसलिए इस रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर पर्यावरण से बंध जाएं और अपने पर्यावरण काे बचाएं।