सेवा संस्थान अकबरपुर कानपुर देहात की संस्थापक व सचिव समाजसेवी कंचन मिश्रा ने कंगना राणावत के साथ हो रहे अन्याय पर कहा कि पदम श्री से सम्मानित कंगना ने जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है वो बहुत ही तारीफ के काबिल है। कंगना ने सत्य की लड़ाई लड़ी तो आज महाराष्ट्र सरकार उसके दफ्तर को तोड़ रही हैं। उसको अपशब्द बोला जा रहा है ये कहाँ का न्याय है? बॉलीवुड और अन्य क्षेत्र के लोगों ने जाने क्या क्या बोला होगा उनके लिए इतनी त्वरित कार्यवाही नहीं हुई। जितनी फुर्ती उन्होंने कंगना के लिए दिखाई। केंद्र सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण का बीड़ा उठाये है वहीं एक महिला के साथ इतना दुर्व्यवहार!! क्या आज सच बोलना अपने लिए आफत मोल लेना है क्या? ये सही नहीं हो रहा है। अगर कंगना ने अवैध निर्माण किया था तो क्या दफ्तर बनने से पहले नहीं निरीक्षण किया गया। जब उसने सरकार को खुली चुनौती दी कि वो ड्रग लेने और बेचने वालों का नाम खोलेंगी तो उनका दफ्तर और घर दोनों अवैध हो गया। शिवसेना के पत्रिका में एक महिला को गंदे गंदे शब्द लिखे जा रहे हैं।
इस अन्याय को रोकने के लिए महिला आयोग और प्रधानमंत्री जी को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए।