Saturday, November 30, 2024
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लोकोत्सव में दिखी अवध की जीवंत लोक संस्कृति

लखनऊ। अवध कम्बाइन्ड नाट्य एकेडमी की ओर से भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अवध की लोक संस्कृति पर आधारित दो दिवसीय पारम्परिक अवधी लोकोत्सव एवं कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को कुर्मांचल नगर के उत्तराखंड महापरिषद भवन स्थित मोहन सिंह बिष्ट सभागार में इमरान खान के संयोजन और निर्देशन में किया गया।
अवध की लोक संस्कृति पर आधारित दो दिवसीय पारम्परिक अवधी लोकोत्सव एवं कार्यशाला के दूसरे दिन का उद्घाटन मुख्य अतिथि लखनऊ दूरदर्शन एवं भारतेन्दु नाट्य अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. सुशील कुमार सिंह और वरिष्ठ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी के पूर्व सचिव तरुण राज ने किया। इस अवसर पर इनके साथ हरीश चन्द्र पंत, दीवान सिंह अधिकारी, इमरान खान, राधिका वर्मा, हेमा बिष्ट, हरीतिमा पंत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया। हरितिमा पंत और यूपिका तिवारी के कुशल संचालन में हुए इस लोकोत्सव में एकेडमी के सचिव और संस्थापक इमरान खान एवं प्रबंधिका राधिका वर्मा ने अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।
परंपरा के अनुसार सबसे पहले प्रथम देव गणपति की वंदना की गई। इस नृत्य प्रस्तुति में अंशिका पाठक, शालिनी, आरती, दिव्यांशी, अंजलि, शैलेन्द्र, अंशिका श्रीवास्तव ने भाग लिया। हरीतिमा पंत ने स्वागत गीत ‘आज की पावन घड़ी’ सुनाया। अंशिका कश्यप, ईशिता निगम, अविका चोपड़ा, राध्या रस्तोगी, अरियाना अग्रवाल, कृति पांडे, मनस्वी सिंह, टिस्या शुक्ला की देवी वन्दना ‘ऐ गिरि नन्दनी’ के उपरांत अपर्णा सिंह ने अवधी लोकगीत ‘सासु पनिया कैसे’ सुनाया। ‘युग रामराज का आ गया’ गीत पर अनुष्का, मिसिका, अनिका सिंह, सृष्टि कुमारी ने सुंदर नृत्य कर प्रशंसा हासिल की। अंजली सिंह के अवधी लोकगीत ‘अरि अरि कारी कोयलिया’ के बाद अंशिका श्रीवास्तव दिव्यांशी, अंजली, आरती, शालिनी, शैलेन्द्र, अंशिका पाठक ने सामूहिक अवधी लोक नृत्य किया। अंशिका कश्यप, अविका चोपड़ा, ईशिता निगम, राध्या रस्तोगी, अरियाना अग्रवाल, कृति पांडे, मनस्वी सिंह, रिस्या शुक्ला ने ‘मेरे भारत की बेटी’ पर समूह नृत्य किया।
अर्पणा सिंह के भोजपुरी गीत ‘कोयल बिन बगिया’ के बाद उत्तराखण्ड का पारंपरिक लोकनृत्य झोड़ा किया गया। इसमें राधा बोरा, दिशा बोरा, निशा बोरा, गायत्री जोशी, मीरा जोशी, दीपा काण्डपाल, पुष्पा जोशी, नीलम बिष्ट, लक्ष्मी जोशी, हंसा बिष्ट ने “काफल पाका चौता” पर नृत्य कर तालियां बटोरीं। अंकिता ठाकुर के अवधी लोकगीत ‘तोहरा बलमा कप्तान’ के बाद सुनीता बिष्ट और सौम्या गुप्ता ने कान्हा पर आधारित अवधी युगल नृत्य किया। रंजना जोशी ने कुमाऊँनी लोक गीत “कैले बजी मुरूली” मधुर स्वरों में सुनाया। रासलीला नृत्य को अंशिका पाठक, शैलेन्द्र सिंह आरती, अंजलि, अंशिका श्रीवास्तव, दिव्यांशी, शालिनी ने प्रस्तुत किया। यूपिका तिवारी ने अवधी लोकगीत “रंगीला मेरा बालमा” सुनाया जबकि ‘कैसे खेलन जाइयो सावन में कजरिया’ लोकगीत पर संध्या रावत, अनुपमा, निधि श्रीवास्तव, दिव्याश्री ने नृत्य किया। नमृता ने लोकगीत “सैंया मिले लरकइयां” और श्रद्धा सिन्हा ने छठी गीत सुनाया। आर्गन पर ओमकार सिंह और नाल वाद्य पर दुर्गेश कुमार ने संगत दी। समारोह के अंतिम पड़ाव में मुख्य अतिथि द्वारा नृत्य गुरु के साथ-साथ गायन, वादन और नृत्य के कलाकारों का सम्मान किया गया।