Tuesday, July 2, 2024
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!! आओ हिंदी दिवस मनाएं !!

(14 सितंबर हिंदी दिवस)
जनम है हिंदी मरण है हिंदी_धर्म कर्म-व्यवहार है हिंदी,
आगत का स्वागत है हिंदी_विश्व विजय जयमाल है हिंदी।
दुख-दर्द मिटाती है हिंदी_सुख स्वप्न सजाती है हिंदी,
राम-कृष्ण की वाणी हिंदी_भारत की गौरव गाथा हिंदी ।।
चहुंओर व्याप्त दासी भाषा_दासता मुक्त कराती हिंदी,
तानाशाही-नौकरशाही_सब पर राज कराती हिंदी ।
ध्यान ज्ञान विज्ञान है हिंदी_भारत भाग्य विहान है हिंदी,
बिंदी मस्तक सदा विराजे_आशीष” गुणों की खान है हिंदी।।
अंतर्मन अंबर-अवनी हिंदी_भाषा सकल जननि हिंदी,
शब्द शक्ति भंडार है हिंदी_शब्द साधना धाम है हिंदी।
भारत का अरमान है हिंदी_ हिंदोस्ता की जान है हिंदी ,
कन्या से कश्मीर तलक _विस्तृत वितान महान है हिंदी ।।
पश्चिमी सभ्यता संस्कृति में_ होता अस्त सदा सविता ,
पुण्य पुरातन पूर्वी दिशि से उदित होत सविता कविता ।
भौतिक विलास की महादौड़ में_हम हिंदी का सम्मान न भूले,
वैभव विशिष्ट भाषा भारत की_ हिंदी का उत्थान न भूले ।।
भाषा और अभिलाषा हिंदी_विद्या की परिभाषा हिंदी,
छंद सोरठा दोहा हिंदी_ तुलसी की चौपाई हिंदी ।
भारतेंदु की गद्य है हिंदी_ मीरा का प्रेम बनी हिंदी ,
कृष्ण भक्ति रसखान है हिंदी _निर्गुण कबीर का ज्ञान है हिंदी ।।
कविता-कलम है मेरी हिंदी_ रिश्तों में माता है हिंदी ,
साथी और सहेली हिंदी_ हल मुश्किल एक पहेली हिंदी ।
आन है हिंदी गान है हिंदी_वाणी का वरदान है हिंदी,
व्याकरण और वर्तनी हिंदी_आचरण और संस्कृति है हिंदी
प्रिय विषय हमारा है हिंदी_ भूत भविष्य वर्तमान है हिंदी ,
हम हिंदी हम वतन है हिंदी _ हर जनम हमारा है हिंदी।
तुलसी की माला सूर मीरा जायसी की तान है,
लेखनी प्रेमचंद की पंत दिनकर निराला का गान है।
भावना का साज आत्मा हिंद की पहचान है ,
हिंदी “आशीष ” वचन वाणी का वरदान है।।
त्याग पश्चिमी भाषा को, अपनी भाषा अपनाएं।
आओ मिलकर एक साथ, सब हिंदी दिवस मनाए ।।
रचनाकार – आशीष बाजपेयी”राम” हिंदी शिक्षक
सरिगवां बिल्हौर, कानपुर उ.प्र.