कोलकाता/ पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में राज्य पुलिस का देखें अमानवीय चेहरा आज जब चैनल बाॅलीवुड की खबरों को चाव से परोस रहे हैं वही जन सामना आपको बंगाल का सच दिखायेगा। जी हां यह खबर है बीएसएनएल कम्पनी द्वारा अपने कर्मचारियों के 16 महीने का वेतन न देने तथा 11 कर्मचारियों की आत्महत्या के बावजूद जब बंगाल के अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के महासचिव सौम्या शंकर बोस और तियाशा विश्वास सहित लोग इस बीएसएनएल कम्पनी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां सुमंता नंदी जो श्रीरामपुर पुलिस स्टेशन के एसआई हैं ने, महिला प्रदर्शनकारी तियाशा विश्वास के साथ धक्का-मुक्की करके उनको चोटिल कर दिया जबकि कानूनन यह हक किसी को नहीं कि महिला के लिए महिला पुलिस जरूरी होती है। वही बात है एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी एक तो बीएसएनएल कर्मचारियों को मदद नहीं कर सकते और जो सौम्या शंकर बोस टीम मदद को आगें आये तो शासन प्रशासन अपना कोरा रूतवा दिखा रहा है। हमारे संवाददाता को सौम्या शंकर बोस ने बताया है कि हम पीड़ित बीएसएनएल कर्मचारियों को न्याय दिलाकर रहेगें चाहें हमें कितनी ही लंबी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।
पश्चिम बंगाल राज्य पुलिस का अमानवीय चेहरा – सौम्या शंकर बोस, कोलकाता
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कोलकाता में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, पश्चिम बंगाल अध्याय के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बीएसएनएल के अनुबंधित मजदूर, जिन्हें बीएसएनएल प्राधिकरण द्वारा एक लंबे समय से लगातार घोर अन्याय का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बीएसएनएल ने 16 महीने से अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करके लापरवाही का नया रिकार्ड कायम किया है। जिससे तृस्त होकर दस से अधिक बीएसएनएल पीड़ित कर्मचारी आत्महत्या तक कर चुके हैं पर अपने निर्दोष नागरिकों की मौतों पर शासन और प्रशासन दोनों का दुर्व्यवहार जनता के सामने उजागर हो चुका है। बीएसएनएल पीड़ित कर्मचारी अपनी नौकरी में क्लॉज़ जो स्वीकार्य नहीं है, उनके साथ हुए अन्याय का विरोध कर रहे थे। उन्होंने बोटोला, श्रीरामपुर में एक बैठक और रैली का आयोजन किया था, जिसे वे शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे थे। दोपहर 2 बजे श्री सुमंता नंदी, श्रीरामपुर पी. एस. के बोटोला अधिक, श्रीरामपुर अपनी टीम के साथ पहुंचे, जिसमें केवल पुरुष पुलिसकर्मी शामिल थे। श्री सुमंता नंदी (श्रीरामपुर पी. एस, के) ने मजदूरों और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं को गाली देना और धक्का देना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों ने दो मजदूरों को (लाठी) से मारा था, जिससे वे घायल हो गए थे। श्री सुमंता नंदी (श्रीरामपुर पीएस के एसआई) ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के महासचिव सौम्या शंकर बोस और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के संयुक्त सचिव, मिस तियाशा विश्वास के साथ आईएचआरओ के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार और शारीरिक उत्पीड़न (महिलाओं से मारपीट) किया। भारतीय संविधान कानून के अनुसार जैसा कि हम जानते हैं कि एक पुरुष अधिकारी किसी भी महिला को नहीं छू सकता है, लेकिन श्री सुमंता नंदी (श्रीरामपुर पी. एस. आई) के एक पुरुष अधिकारी ने मिस. तियाशा विश्वास (संयुक्त सचिव, आईएचआरओ, पश्चिम बंगाल अध्याय) को धक्का दे दिया। यह पुलिस द्वारा बहुत ही दुखद घटना और कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन था। यह वही कोलकाता है जहां शक्ति की पूजा जग-जाहिर है और उसी कोलकाता में एक लड़की (तियाशा विश्वास) के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कदापि सहन नहीं किया जा सकता है।
बीएसएनएल के ठेका मजदूरों को पिछले 16 महीनों से उनका वेतन नहीं मिला है जिस कारण बीएसएनएल प्राधिकरण द्वारा किए गए कई अन्य लोग भी इस अन्याय को मजबूरीवश सहन कर रहे हैं। दुखद है कि सरकार जिन गरीब वोटरों के दम पर सरकार बनाती है बाद में उनकी पीड़ा को देखकर भी कानों में तेल और आंखें मूंद कर प्रदर्शनकारियों पर ही लाठीचार्ज करवा देती है, यह कहां का न्याय है। सोचने वाली बात तो यह है कि बीएसएनएल के 11 मजदूर पहले ही आत्महत्या कर चुके हैं। इस महामारी के बीच बीएसएनएल प्राधिकरण ने इन मजदूरों की किसी भी तरह से मदद तक नहीं की है ऊपर से आवाज़ को दबाने के लिए पुलिस बल की ताकत दिखाई जा रही है। हम सभी से श्री सुमंता नंदी (श्रीरामपुर पीएस के एसआई) और उनकी टीम के साथ उनके अमानवीय व्यवहार के लिए उनका पुरजोर विरोध का अनुरोध करते हैं क्योंकि अन्याय सहना भी बड़ा अन्याय ही है।