हमीरपुर, अंशुल साहू। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज रानी लक्ष्मीबाई पार्क हमीरपुर में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर कार्यक्रम मनाया गया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानाचार्य रमेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि जीवन का प्रमुख लक्ष्य शांति और खुशी प्राप्त करना है। जिसके लिए मनुष्य निरंतर कर्मशील है। पूरा विश्व समस्त देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत 21 सितंबर को हर साल पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्य रूप से विश्व स्तर पर शांति बनाए रखने के लिए इस दिवस को मनाए जाने पर मोहर लगी थी परंतु वर्तमान में कहीं भी शांति के हालात नजर नहीं आते। कार्यक्रम के प्रमुख आचार्य बलराम सिंह ने बताया कि विश्व शांति दिवस की शुरुआत 1982 से हुई थी। 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन सन 2002 से इसके लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई। तब से लेकर आज तक हर वर्ष 21 सितंबर के को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है। भारत में विश्व शांति हेतु पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पांच मूल सिद्धांत दिए गए, जिन्हें पंचशील के सिद्धांत कहा गया। यह पांच सिद्धांत इस प्रकार हैं. एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना। एक दूसरे के विरूद्ध आक्रमक कार्यवाही न करना। एक दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना। समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना। शांतिपूर्ण सह.अस्तित्व की नीति में विश्वास रखना। यह पांच बिंदुओं का अमल कर पूरे विश्व में शांति कायम रखी जा सकती है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का पैगाम दिया जाता है, और एक दूसरे से भी शांति कायम रखने की अपेक्षा होती है। कमलकांत मिश्र ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति और प्रकृति शांति चाहती है परंतु यदि हमे शान्ति चाहिए तो है हमे अपना आचरण और व्यवहार उसी प्रकार बनाना पड़ेगा। आभार ज्ञानेश जड़िया ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर हेमंत कुमार, ऋषिराज निगम, मयंक मिश्रा तथा समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा। यह जानकारी विद्यालय की मीडिया प्रभारी वेद प्रकाश शुक्ला ने दी।