हाथरस, नीरज चक्रपाणि। मंडी समितियों में कार्यरत लाखों-करोड़ों आढती व्यापार के माध्यम से अपने-अपने परिवारों के साथ मजदूर, मुनीम, दलाल आदि परिवारों का भरण पोषण करता है। सरकार की एक नीति से आज सभी के रोजगार पर संकट के बादल छा गए और एक ही झटके में बेरोजगार होने जा रहे हैं।हाथरस आढतियां एसोसिएशन के तत्वावधान में मुख्यमंत्री के नाम सदर विधायक हरीशंकर माहौर को ज्ञापन दिया और मांग की गई कि मंडी समिति में अंदर लगने वाली ढाई परसेंट मंडी शुल्क को खत्म करा कर एक टेक्स नीति को लागू कराया जाए, जिससे मंडी परिसर के अंदर आने वाले किसानों के कृषि उपज का उचित व अधिक मूल्य दिलाया जा सके। इस तरह की दोहरी नीतियों से व्यापार नहीं चल सकता और ना ही किसान का भला हो सकता है। मंडी में कार्यरत आढती हमेशा किसान को उचित मूल्य दिलाने के लिए संघर्ष करता है और किसान को ज्यादा से ज्यादा कृषि उपज का मूल्य दिला कर किसानों के हर सुख दुख में मजबूती के साथ खड़ा रहता है। मंडी समिति व अन्य विभाग द्वारा आढत करने के लाइसेंस के नियमों के तहत कार्य करता है फिर भी वह बिचैलिया कह कर अपमानित किया जा रहा है। मांग की गई कि एक समान मंडी शुल्क नीति लागू कर व्यापार को सुगमता से चलाने का सहयोग प्रदान किया जाए। सदर विधायक हरीशंकर माहौर ने कहा कि मैं व्यापारियों के साथ हूं और मुख्यमंत्री के पास आपकी पैरवी करा कर इस टैक्स को खत्म कराने का भी कार्य करूंगा। ज्ञापन देने वालों में महामंत्री उमाशंकर, भीकम्बर सिंह, प्रवीन वार्ष्णेय, मुकेश बंसल, विष्णु गौतम, अनिल वार्ष्णेय, नरेंद्र बंसल, संजय वार्ष्णेय, राजेश कुमार वार्ष्णेय, मदनलाल, अमित शर्मा, विनोद शर्मा, सुंदर लाल अग्रवाल, अमित अग्रवाल, सिद्धार्थ वार्ष्णेय, भानु प्रकाश वार्ष्णेय, राजकुमार अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, अमन बंसल, नवनीत वार्ष्णेय, दिनेश, पवन ऐहन वाले आदि व्यापारी थे।