सिकन्द्राराऊ/हाथरस, जन सामना। हाथरस क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें सजी हुई हैं। झोलाछाप बेखौफ होकर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। झोलाछापों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन भी जुटा हुआ है। कस्बा के मोहल्ला भूतेश्वर कॉलोनी स्थित बिना डिग्री के चल रहे चार हॉस्पिटलों पर जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस बल के साथ छापामार कार्यवाही की। जिससे झोलाछापों में हड़कप मच गया। झोलाछाप अपनी दुकानों को बन्द कर भाग गए। छापेमार कार्यवाही के दौरान हॉस्पिटल संचालक उपजिलाधिकारी को आवश्यक अभिलेख नहीं दिखा सके और मौके पर दो हॉस्पिटलों में दर्जनों मरीजों का उपचार चल रहा था। इसी बीच उपजिलाधिकारी ने एक अस्पताल से एक युवक को पुलिस के हवाले किया है। वहीं हॉस्पिटलों को सील कर दिया गया। दो अस्पतालों पर अवैध रूप से मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे थे। उन्हें भी सील किया गया है। उक्त मामले की शिकायत एक व्यक्ति द्वारा जिलाधिकारी से की गई थी। कस्बा मोहल्ला भूतेश्वर कॉलोनी में अवैध रूप से संचालित हो रहे माँ भगवती नर्सिंग होम, आर के क्लीनिक, भावना नर्सिंग होम एवं डॉ. मुकेश क्लीनिक की शिकायत किसी व्यक्ति द्वारा जिलाधिकारी से की गई थी। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी विजय कुमार शर्मा को वैधानिक कार्यवाही अमल में लाने हेतु निर्देश दिए। आज उपजिलाधिकारी विजय कुमार शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस बल के साथ चारों अस्पतालों पर छापेमारी की। जिससे झोलाछापों में हड़कप मच गया। छापेमारी के दौरान हॉस्पिटल संचालक मौके से फरार हो गए। उपजिलाधिकारी को आर के क्लीनिक पर एक युवक 7 मरीजों का उपचार करते हुए मिला। जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस अस्पताल के बाहर एक अवैध रूप से मेडिकल स्टोर भी संचालित हो रहा था। मौके से मेडिकल संचालक फरार हो गया। वहीं भावना नर्सिंग होम में 4 मरीजों का उपचार चल रहा था तथा अस्पताल परिसर के अंदर अवैध रूप से मेडिकल स्टोर भी संचालित हो रहा था। माँ भगवती नर्सिंग होम काफी समय से बन्द था। इसमें मौके पर कोई मरीज नहीं मिला। जबकि मौके पर अस्पताल परिसर में बैड पड़े हुए थे। एक बैड के पास खाली बोतल लटकी हुई मिली और एक सिरेंज खाली मिली। डॉ. मुकेश यादव के यहाँ पर भी खामियां पाई गई। जब उपजिलाधिकारी द्वारा हॉस्पिटलों से सम्बंधित अभिलेख मांगे गए तो मौके पर नहीं दिखा सके तथा मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिला। जिस प्रकार इन झोलाछापों ने जिन डॉक्टरों के नाम अपने अस्पतालों के बाहर लिखे थे उनमें से कोई भी डॉक्टर एसडीएम को मौके पर नहीं मिला। माँ भगवती नर्सिंग होम, आर के क्लीनिक एवं भावना नर्सिंग होम पर अवैध रूप से प्रसूता महिलाओं के प्रसव किए जाते हैं। अवैध रूप से संचालित हो रहे हॉस्पिटल को जबकि इनके पास इससे सम्बंधित कोई डिग्री नहीं है। उपजिलाधिकारी ने खामियों के चलते चारों अस्पतालों को सील कर दिया। उपजिलाधिकारी ने हॉस्पिटलों में उपचार करा रहे मरीजों को सीएचसी में उपचार कराने की सलाह दी । हॉस्पिटलों को सील करने से पूर्व वहाँ मौजूद मरीजों से हॉस्पिटल को खाली कराया गया। बता दें कि इन हॉस्पिटलों में प्रसव के दौरान कई प्रसूताओं की मौत भी हो चुकी है। उक्त हॉस्पिटल बिना डिग्री के संचालित हो रहा थे। हॉस्पिटल में तैनात झोलाछाप बेखौफ होकर लोगों की जिंदगी के साथ खिलबाड़ कर रहे थे। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि चारो हॉस्पिटल की शिकायत एक व्यक्ति द्वारा जिलाधिकारी से गई थी। जिस पर छापेमार कार्यवाही अमल में लाई गई है। मौके पर कोई डॉक्टर एवं संचालक नहीं मिला और ना ही कोई अभिलेख मिले। जिसके चलते उक्त हॉस्पिटलों को सील किया गया है।