Saturday, November 30, 2024
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बेरोजगार दिवस क्यों..?

आखिर बेरोजगारी दिवस मनाने की जरूरत क्यों? और अब युवा वर्ग रोजगार के लिए इतना क्यों छटपटा रहा ? या यूं कह लीजिए कि सरकार अब कितना भ्रमित रखना चाहती है युवाओं को? धर्म को मुद्दा बनाकर आप कब तक इन्हें हिंदुत्व का लॉलीपॉप थमाते रहेंगे? क्या आज हमें इन स्तरहीन नेताओं, अपराधिक गतिविधियों में लिप्त और मर्यादा विहीन नेताओं से अपने धर्म और संस्कारों की परिभाषाएं जाननी और शिक्षा लेनी होगी?
सरकार की नाकामियों से क्रोधित होकर युवावर्ग अब थाली पीटकर अपना हक मांग रहा है तो सरकार चुप क्यों है? यह चुप्पी अखरती है। इस महामारी के समय में कर्मचारियों की छटनी हो रही है। व्यापारी वर्ग के हालात बुरे हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि हर एक दूसरा व्यापारी छोटे कर्मचारियों का शोषण करने पर आमादा है। पहले सैलरी कम देना बाद में नौकरी से ही बाहर कर देना। आखिर घर – परिवार की जिम्मेदारी लिए व्यक्ति कौन सा रोजगार अपनाये और वो भी आपदा में?
देश में आत्मनिर्भर बनने का नारा दिया गया लेकिन क्या सिर्फ बोल भर देने से देश आत्मनिर्भर बन जाएगा? आत्मनिर्भर बनने के अवसर सरकार कब देगी? सब जबानी जमा खर्च? दो करोड़ नौकरी के वादे पर सत्ता पर काबिज होने के बाद से युवा वर्ग भटक ही रहा है। अब युवावर्ग चेता है और नाराजगी जता रहा है। अब उसके लिए नौकरी उसकी प्राथमिक जरूरत या प्राथमिक मुद्दा है।
साल 2019 में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊपरी स्तर पर रही। सीएमआईआई के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में फरवरी में बेरोजगारी दर 7.37% रही जो पिछले महीने 5.97% रही थी। जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 8.65% रहा जो जनवरी में 9.70% था। फरवरी में बेरोजगारी दर बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 7.78% पर पहुंची।
चुनावी वादों पर राजनीति से जरूर की जा सकती है लेकिन सरकार नहीं टिकाई जा सकती है इसलिए सरकार को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए।
प्रियंका वरमा माहेश्वरी, गुजरात