प्रयागराज, जन सामना। मत्स्य पालक विकास अभिकरण एस0आर0 यादव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि भारत सरकार द्वारा मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाये जाने हेतु ब्लू रिवोल्यूशन, इन्टीग्रेटेड डेवलपमेन्ट एण्ड मैनेजमेंट ऑफ़ फिशरीज योजना के स्थान पर एक नई केन्द्रीय प्रधानमंत्री योजना मत्स्य सम्पदा योजना {पी0एम0एम0एस0वाई0} को लागू किया गया है। जिसमें केन्द्र पुरोनिधानित योजनाएं तथा केन्द्र पोषित योजनाएं समाहित हैं। यह योजना 05 वर्ष तक अर्थात प्रदेश में वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक क्रियान्वित की जायेगी।प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त किया गया था। निदेशक मत्स्य, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा जनपद प्रयागराज में मत्स्य बीज हैचरी निर्माण हेतु 01 यूनिट, निजी भूमि पर तालाब निर्माण हेतु 5.00 हेक्टेयर, जिंदा मछली विक्रय केन्द्र हेतु 05 यूनिट, साइकिल विद आइसबॉक्स हेतु 10 यूनिट, कियोस्क निर्माण हेतु 05 यूनिट तथा रियरिंग यूनिट पर तालाब निर्माण हेतु 5.00 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। विभिन्न परियोजनाओं हेतु कुल 90 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जिसके सापेक्ष उप निदेशक मत्स्य प्रयागराज मण्डल द्वारा 66 आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये। निजी भूमि पर तालाब निर्माण निवेश के 43 लाभार्थी, रियरिंग यूनिट पर तालाब निर्माण के 06 लाभार्थी, बायोफ्लाक निर्माण सम्वर्धन प्रथम वर्ष निवेश सहित के 01, वृहद रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के 01, कियोस्क/एक्वेरियम के 04 लाइव फिश वेन्डिंग सेन्टर के 06, मोटर साइकिल विथ आइसबाक्स के 01 साइकिल विथ आइसबाक्स के 04 कुल 66 लाभार्थियों का परियोजनावार प्रथम आवत प्रथम पावत के आधार पर अनुमोदन तथा वर्ष 2020.21 की प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना की वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन किया गया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में कुल 66 लाभार्थियों का अनुमोदन करते हुए वर्ष 2020.21 हेतु प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना की वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। जनपदों से प्राप्त वार्षिक कार्य योजना प्रदेश स्तर पर प्रमुख सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुमोदन एवं अनुश्रवण समिति से अनुमोदन होने के उपरान्त बजट प्राप्त होने पर चयनित लाभार्थियों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना का उद्देश्य मात्स्यिकी क्षमता सतत, उत्तरदायी, समावेशी और सामयिक तरीके से विदोहन करना, मात्स्यिकी उत्पादन में विस्तारीकरण, सघनतापूर्वक एवं विविधीकरण के माध्यम से वृद्धि करना एवं भूमि व जल का उपजाऊ उपयोग करना, मूल्य वर्धित श्रृंखला का आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं मत्स्य निकासी के बाद के प्रबन्धन व गुणवत्ता में सुधारए मछुआरों व मत्स्य पालकों की आय को दोगुनी करना व रोजगार सृजन, कृषि के सकल मूल्य वर्धित एवं निर्यात में मात्स्यिकी गतिविधियों की हिस्सेदारी बढ़ानाए मछुआरों व मत्स्य पालकों को सामाजिक व आर्थिक जोखिम से सुरक्षा प्रदान करना, मजबूत मत्स्य प्रबन्धन और नियामक ढांचा तैयार करना है। केन्द्र पोषित योजनाओं में शत.प्रतिशत भारत सरकार की हिस्सेदारी है, तथा केन्द्र सरकार की क्रियान्वयन संस्थाओं के माध्यम से सीधे लाभार्थीपरक व समूह आधारित योजनायें संचालित होंगी। उनमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को कुल इकाई लागत का 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति व महिला लाभार्थियों को कुल इकाई लागत का 60 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत मछुआ समुदाय के लोग मत्स्य पालक मात्स्यिकी क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह, सहकारी संघ तथा मात्स्यिकीय सहकारी समितियां, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला, दिव्यांगजन आदि को लाभान्वित कराये जाने का प्रावधान है। इस योजना का उद्देश्य है कि सबसे कमजोर व्यक्ति को लाभान्वित कराते हुए उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है। सरकार की नीति है कि किसानों की आय दोगुनी करना है। इसी के तहत खेती किसानी के तहत मत्स्य पालन भी करके किसान, मत्स्य पालक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। सरकार की आत्मनिर्भर नीति के तहत लागू की गई इस योजना से मत्स्य पालन करने वाले लोग लाभान्वित होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।