घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। पतारा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम फरौर में करीब एक माह से जारी महामारी के चलते सैकड़ों लोग डेंगू बुखार से पीड़ित हैं। वहीं अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक शासन प्रशासन जागा नहीं है। प्राइवेट अस्पतालों की शरण में पहुंचे ग्रामीण हजारों लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं।ग्राम सभा शिवराढ़ी के मजरा फरौर निवासी सुरेश चंद्र कुशवाहा ने बताया कि करीब एक डेढ़ माह से गांव में बीमारी नहीं बल्कि महामारी ने तांडव मचा कर रखा हुआ है। लोगों को अचानक बुखार चढ़ता है, पेट में दर्द होता है। सर में दर्द होता है, और प्लेटस कम होने लगती हैं। झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में फंसने के बाद मरीज जब कानपुर स्थित नर्सिंग होम की शरण में जाता है। तो हजारों लाखों रुपए से उसे हाथ धोना पढ़ते हैं। फरौर गांव निवासी अभिनेश कुशवाहा ने बताया कि उसकी पत्नी सोनी प्रेग्नेंट थी उसके बच्चा होना था। लेकिन उसके 2 दिन पूर्व उसे बुखार आया इलाज के दौरान बच्चा पेट में ही खत्म हो गया। और पत्नी को आईसीयू में कानपुर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। गांव के अभिनेष कमला देवी माधव प्रसाद कुशवाहा रामकिशोर सरजू देवी विमल रामवती जितेंद्र कुशवाहा रामचंद्र पप्पू रानी जिया अरविंद सोनम रौनक रमेश राम जानकी जग भान राजू सुलेखा सहित 200 से ज्यादा मरीज डेंगू बुखार से पीड़ित है। पीड़ितों ने बताया कि लगभग आधा सैकड़ा लोग कानपुर स्थित प्राइवेट अस्पतालों की शरण में है। वही एक सैकड़ा के लगभग मरीज घाटमपुर के प्राइवेट नर्सिंग होमों में अपना इलाज करा रहे हैं। सरकार की तरफ से किसी प्रकार की सहायता एवं मदद न मिलने से ग्रामीण बुखार में मरने के लिए मजबूर हैं। जिससे नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है।