मौदहा/हमीरपुर, जन सामना। अभी तक गेहूं, चावल, चीनी और चना के साथ मिटटी तेल उपलब्ध कराने वाली उचित दर विक्रेता की दुकानों पर अब लोगों को धन निकासी की सुविधा भी दी जा रही है। योगी सरकार के इस फरमान से विभागीय अधिकारी इसको अमली जामा पहनाने मे जुट गए हैं। हालांकि अभी तक इन दुकानों मे बिजली बिल जमा करने की सुविधा पहले ही उपलब्ध करा दी गई है। जिसके लिए उपभोक्ता को तीन हजार रुपये तक के बिलों के भुगतान पर दस रुपये जबकि दस हजार रुपये या इससे अधिक के भुगतान पर सत्रह रुपये या इससे अधिक देना होता है। सरकार को कोटा धारको को अतिरिक्त आप देने के उद्देश्य से यह योजना चालू की गई है। इसके द्वारा जहां ग्रामीणों को बैंकों के चक्कर लगाने से बचना पडेगा और उनके समय तथा श्रम दोनों की बचत होगी। तो वहीं कोटेदारों को भी अतिरिक्त आय के साधन उपलब्ध होंगे। इस कार्यक्रम के तहत सभी कोटेदारों को प्राक्सी मशीन के द्वारा कार्ड धारकों को अगूंठा लगाकर धन निकासी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके लिए कोटेदारों को प्राक्सी मशीन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। तथा इसके लिए कोटेदार को प्रति निकासी बीस रुपये कमीशन भी दिया जायेगा। और यह सुविधा दस हजार रुपये तक की रकम की निकासी के लिए होगी। इस समय जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में 169389 पात्र गृहस्थी तथा 29597 अन्त्योदय राशन कार्ड धारक हैं। जबकि नगरीय निकायों में 32289 पात्र गृहस्थी तथा 6264 अन्त्योदय कार्ड धारक हैं। जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जबकि मौदहा तहसील क्षेत्र के मुस्कुरा विकास खण्ड में 25268 पात्र गृहस्थी तथा 3925 अन्त्योदय कार्ड धारकों को योजना में शामिल किया जायेगा। वहीं मौदहा तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में 31516 पात्र गृहस्थी तथा 4166 अन्त्योदय कार्ड धारक है। साथ ही मौदहा नगर क्षेत्र के अन्तर्गत 5003 कार्ड धारक पात्र गृहस्थी तथा 1624 अन्त्योदय परिवारों को भी शामिल किया गया है। बताते चलें कि वर्तमान समय में मौदहा विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में 80 तथा नगर पालिका मौदहा के अन्तर्गत 09 दुकानें संचालित है। जबकि बीते कुछ समय से कस्बे की चार दुकानों को बंद कर उनके कार्ड धारकों को दूसरी दुकानों में सम्बद्ध कर दिया गया है। जबकि मुस्कुरा विकास खण्ड में कुल 48 दूकानें संचालित है। वहीं इस मामले में पूर्ति निरीक्षक मौदहा नवल किशोर ने बताया कि इस मामले में अभी साशन स्तर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही पत्र मिलता है। तो कोटेदारों को प्राक्सी मशीन का प्रशिक्षण दिला कर धन निकासी चालू कर दी जायेगी। जबकि बिजली बिलों को जमा करने की सुविधा पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है।