शिकोहाबाद/फिरोजाबाद,जन सामना। नगर के पालीवाल महाविद्यालय में जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष के संयोजन से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय गांधी की विचारधारा तथा समकालीन विचारकों का पर्यावरण पर चिंतन था। बेबीनार के संरक्षक डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल थे। रिसोर्स पर्सन अथवा नेशनल तथा इंटरनेशनल स्पीकर्स के रूप में यूएसए की मेगन टकर, इंडोनेशिया की डा. गुसबरनी अनवर, मलेशिया के डा संदीप पोद्दार तथा बांग्लादेश के डा. बी के चक्रवर्ती के अलावा आगरा विश्वविद्यालय आगरा तथा रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के प्रोफेसर के एस राणा मुख्य अतिथि के तौर पर शमिल थे। नेशनल स्पीकर मदुरई कामराज विश्वविद्यालय चेन्नई के प्रोफेसर एस कन्नन ने गांधी जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधी जी ने सत्य अहिंसा का जो विचार रखा वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होने अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश की आजादी में बडा योगदान दिया। मिस मेगन टकर ने विदेशों में गांधी जी के कार्यों की प्रशंसा की। डा. एमपी सिह ने कहा कि गांधी जी के कार्यों को विस्तारपूर्वक समझाया जो उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन तथा दांडी मार्च के दौरान पर्यावरण पर कहा था। प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल ने मौलाना आजाद, रविंद्र नाथ टैगोर आदि समकालीन भारतीय चिंतकों का पर्यावरण पर चिंतन जाहिर किया। प्रोफेसर कन्नानने चेन्नई प्रवास के दौरान गांधीजी की उन क्षेत्रों को वेबीनार में सम्मिलित किया जो गांधीजी ने अपने चेन्नई प्रवास के दौरान व्यक्त किए थे। प्राचार्य डा वाई सी पालीवाल ने सभी का धन्यवाद दिया। वेबीनार में डी.जी.पी.जी काॅलेज कानपुर की डा. सुनीता आर्य, डा. प्रेम प्रभाकर, डा. अजय करण चौधरी, डा. शरद मित्तल, डा. सुशील कुमार, राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर से डा. लतीफ, भोगांव के डा. फतेह सिंह, भोपाल से डा. सीमा सोनी, आसाम से डा. मुकुट सोनोवाल, डा. निशा गुप्ता, डा. क्षमा द्विवेदी, नेहा, डा. राहुल श्रीवास्तव, डा. दलबीर सिंह उरई, प्रिया राजपूत, साधना, कल्पना, डा. ओंमवीर सिंह ने वेबीनॉर में प्रतिभाग कर विचार रखे।