हमीरपुर, अंशुल साहू। विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आवाहन पर अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर जनपद के समस्त अभियंता अधिकारी कर्मचारियों ने सुबह 10ः00 बजे से सायं 5ः00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर विरोध सभा का आयोजन किया। आज के आंदोलन में बिजली विभाग के ट्रांसमिशन और वितरण सहित सभी कार्यालयों के कार्मिक शामिल हुए। सभा की अध्यक्षता कर रहे अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि निजीकरण के विरुद्ध चल रहे आंदोलन में लेखपाल संघ, बैंक यूनियन, रेलवे कर्मचारी संघ, किसान यूनियन, बेरोजगार तकनीकी छात्र यूनियन, लोक निर्माण संघ, सिंचाई विभाग कर्मचारी संघ, रोडवेज कर्मचारी संघ, तृतीय श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ ने पत्र सौंपकर आंदोलन को मजबूत किया है। सभा को संबोधित करते हुए इंजीनियर सुमित व्यास अधिशासी अभियंता ने कहा कि बिजली विभाग रात दिन आम जनता की सेवा करता है। विद्युत विभाग लाभ का जरिया न होकर एक सेवा कार्य है। इसका निजीकरण करने से मजदूर किसानों का उत्पीड़न होगा। सभा को संबोधित करते हुए अधिशासी अभियंता पारेषण खंड मुकेश त्यागी ने कहा कि बिजली विभाग एवं सभी सार्वजनिक उपक्रमों जैसे बैंक, रेलवे आदि का निजीकरण भारत में पूंजीपतियों के राज्य एवं आम जनता की गुलामी का मार्ग प्रशस्त करेगी। सभा को संबोधित करते हुए इंजीनियर नरेंद्र सिंह पाल ने कहा कि निजी कंपनी लागत से कम मूल्य पर किसी को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों एवं गरीबों के पावर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सूबे की सरकार यदि निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेती तो संपूर्ण हड़ताल की घोषणा कर दी जाएगी। विद्युत कर्मियों के आज के आंदोलन को देखते हुए पावर हाउस में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात रहा। विद्युत कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते पूरे दिन काम ठप रहा। विद्युत उपभोक्ताओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी। आज के कार्य बहिष्कार में अभियंता से लेकर समस्त कर्मचारी शामिल रहे।
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