सुमेरपुर/हमीरपुर, जन सामना। कस्बा सुमेरपुर को देवगांव से जोड़ने वाली 8 किलोमीटर लंबी सड़क ओवर लोड बालू के ट्रकों के रात दिन आवागमन से ध्वस्त हो चुकी है। फिर भी उससे ओवरलोड ट्रक निकाले जा रहे हैं। गड्ढों में तब्दील इस सड़क पर पैदल चलना दूभर हो गया है। ओवरलोडिंग पर रोक लगाने वाला कोई नजर नहीं आता है। खनिज विभाग, पीडब्ल्यूडी, एआरटीओ और पुलिस विभाग को कोई लेना देना नहीं है। जिसका खामियाजा एक दर्जन से अधिक गांवों की जनता भोग रही है। गौरतलब है कि देवगाँव, सिमनौड़ी, भमौरा, जलाला, गहतौली, बड़ाकछार, छोटा कछार, पत्योरा, बड़ागांव व सुरौली आदि गांवों की जनता इसी सड़क से आवागमन करती है। मगर दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यह सड़क कभी चलने लायक नहीं रही है। देवगाँव के बुजुर्ग लोग बताते हैं कि सड़क हमेशा ध्वस्त पड़ी रही है। जिससे लोग कस्बा सुमेरपुर के लिए सुबह शाम ट्रेन से ही यात्रा करते आए हैं। सड़क कई बार बनवायी गयी मगर कमीशन खोरी के चलते ठेकेदारों द्वारा ऐसा निर्माण कराया गया कि सड़क बनते ही बिगड़ जाती रही है। इस कारण लोगों को आवागमन की सुविधा के लिए हमेशा आंसू बहाने पड़े हैं। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि यह सड़क तीन वर्ष पूर्व बनायी गयी थी लेकिन पत्योरा खदान से ओवर लोड ट्रकों के रात दिन चलने से यह सड़क गड्ढा व तालाब में तब्दील हो गयी है। सड़क ध्वस्त हो जाने के बाद भी ट्रकों की धमाचैकड़ी अभी भी जारी है द्यखराब सड़क जरा सी बरसात होने पर तालाब जैसी दिखाई देती है। लोग आवागमन बड़ी मुश्किल से कर पाते हैं। सड़क पर दो पहिया वाहन व चार पहिया वाहन बड़ी धीमी गति से चल पाते हैं। सड़क तीन वर्षों से ध्वस्त पड़ी है। ओवर लोड ट्रक चल रहे हैं यह जानकर भी इसे रोकने को जिम्मेदार विभागीय अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क नहीं बनी तो आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सड़क चुनावी मुद्दा बन सकती है। डॉ बरदानी लाल आर्य, शिवेन्द्र सिंह, आदि ने सड़क की मरम्मत की मांग की है।