हमीरपुर, अंशुल साहू। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत चिहिन्त पांच साल तक के नौनिहालों को सुपोषित बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। इस दौरान जनपद के सात ब्लाकों से कम वजन (लाल श्रेणी) के 1090 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। अब इन बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। परिजनों की काउंसिलिंग होगी और आवश्यकतानुसार बच्चों को इलाज मुहैया कराया जाएगा। ज्यादा गंभीर बच्चों को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराने की तैयारी है। एक माह तक चले पोषण माह के दौरान कुल 1090 बच्चे अति कुपोषित चिन्हित किए गए हैं। इनमें गोहाण्ड ब्लाक में 112, मुस्करा में 169, राठ में 159, मौदहा में 156, सरीला में 183, सुमेरपुर में 116, कुरारा में 90 और हमीरपुर शहर में 105 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जो अति कुपोषण की चपेट में है। इन बच्चों को लाल श्रेणी में रखा गया है। इन बच्चों का वजन उम्र और लंबाई के हिसाब से कम है। जो इन्हें अतिकुपोषित की श्रेणी में रखता है। इसी तरह आंशिक रूप से कम वजन के बच्चों की संख्या 12258 है। इन्हें पीली श्रेणी में रखा जाता है। ब्लाकवार आंकड़ों पर गौर करें तो गोहाण्ड में 996, मुस्करा में 2784, राठ में 917, मौदहा में 1906, सरीला में 1005, सुमेरपुर में 2636, कुरारा में 885 और हमीरपुर शहर में 1129 बच्चे अंशिक रूप से कम वजन के मिले हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लाल श्रेणी के बच्चों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इन बच्चों के परिजनों की काउंसिलिंग शुरू कराई गई है। आरबीएसके टीम और एएनएम की मदद से इनका उपचार शुरू होगा। जो बच्चे ज्यादा गंभीर होंगे, उन्हें जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड में भर्ती कराया जाएगा। ऐसे ही 97 बच्चों के परिजनों ने दुधारू गाय लेने की इच्छा जताई थी, जिसमें अब तक 32 लाभार्थियों को गाय मुहैया कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान 1.09 लाख बच्चों का वजन कराया गया था, जिसमें 87146 बच्चे सामान्य, 12258 आंशिक रूप से कम वजन और 1090 बच्चे लाल श्रेणी के मिले हैं।