महंगी बिजली खरीद कर टोरेंट को बेचने में विभाग का 9 वर्षो में लगभग रुपया 1350 करोड़ नुकसान
लखनऊ, जन सामना। प्रदेश में निजीकरण के दोनों प्रयोग नोएडा पावर कंपनी व टोरेंट पावर के अनुबंध को निरस्त करने की लामबंदी तेज उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से की मुलाकात और सौपा दस्ताबेज कहा करार निरस्त करने के पर्याप्त सबूत सरकार करार करें जनहित में निरस्त।
प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रमुख सचिव ऊर्जा से 7 दिन में तलब किया दोनों निजी घरानों का व्योरा। कहा उपभोक्ता हित में होगा निर्णय करार की शर्तो का विश्लेषण जनहित होना जरूरी।
प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण के दोनों प्रयोग टोरेंट पावर आगरा व नोएडा पावर कंपनी के करार को रद्द करने को लेकर उपभोक्ता परिषद् ने लामबंदी तेज कर दिया है। आज उसी क्रम में उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से शक्ति भवन में मुलाकात कर अहम् मीटिंग की और सभी मुद्दों पर सबूत भी सौपा और एक जनहित लोक महत्व प्रस्ताव सौपते हुए यह मुदा उठाया और कहा आपके निर्देश पर बनी उच्चस्तरीय कमेटी के रिपोर्ट में यह सिद्ध हो गया कि टोरेंट पावर आगरा अनुबंध की शर्तों का उलंघन कर रही है। और लगभग रुपया 2200 करोड़ पुराना बकाया विभाग का दबा के बैठे है सैकड़ों करोड़ रुपया रेगुलेटरी सरचार्ज का दबाए है। अब तक महंगी बिजली खरीद कर टोरेंट को बेचने में विभाग का 9 वर्षो में लगभग रुपया 1350 करोड़ नुकसान हुवा ऐसे में टोरेंट के अनुबंध को तत्काल समाप्त किया जाना जनहित में होगा। इसी प्रकार वर्ष 1993 में नोएडा पावर कंपनी को नोएडा एक चलता हुवा एक खंड एनपीसीएल को दिया गया।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों पर गम्भीरता से चर्चा के बाद कहा प्रमुख सचिव ऊर्जा से दोनों निजी घरानो के साथ करार का पूरा व्योरा 7 दिन में तलब किया जा रहा है। साथ ही उचस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट भी तलब की गयी है। मामला सीधे उपभोक्ताओं के लाभ से जुड़ा है इसलिए अनुबंध के हर पहलु का अनुपालन कितना हुआ सभी व्योरा माँगा गया है सरकार उपभोक्ताओं के हित में निर्णय करेगी।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा चलता हुवा पूरा नेटवर्क टोरेंट पावर आगरा को दिया गया। उसी वक्त केस्को को भी देने की बात हुई लेकिन केस्को ने सुधार कर यह बता दिया की सरकारी क्षेत्र में सुधार ज्य्ाादा संभव है। आज केस्को में मात्र 9 प्रतिशत वितरण हानिया है। और टोरेंट 15 प्रतिशत पर आज भी नहीं पंहुचा। टोरेंट पावर की तुलना केस्को से करके उसके अनुबंध को सरकार खारिज करने पर निर्णय ले इसी प्रकार यदि नोएडा पावर कंपनी बहुत सुधार कर लिया तो आज तक वह बिजली दरों मंे कमी का एआरआर क्यों नहीं दाखिल हुआ 5 साल बाद अगर बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव कोई भी निजी कंपनी देती है। तब सुधार के मानक सही माने जाएगे इसलिए नोएडा पावर कंपनी के अनुबंध को खारिज कर उसे पश्चिमांचल को पुनः वापस करने के सम्बंद में सरकार निर्णय लेकर उपभोक्ता हित में फैसला करें।
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