हमीरपुर, अंशुल साहू। कोरोना संक्रमण के छह माह होने को है, इस लंबी अवधि ने हर किसी के ऊपर अलग-अलग प्रकार से असर डाला है। किस व्यक्ति पर इसका क्या प्रभाव हो रहा है इसका अनुमान लगाया जाना मुश्किल है। जिस तरह सभी की व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवनशैली में बदलाव आया है, ऐसे में बच्चे भी है जिन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इस मुश्किल दौर में बच्चों का साथ देने के लिए भारत सरकार के द्वारा संवेदना प्रोग्राम के अंतर्गत एक टोल फ्री नंबर 1800-121-2830 जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट और इंडिया को-विन नेटवर्क ने साथ में मिलकर कुछ अच्छे काउन्सलर और मनोचिकित्सकों का एक नेटवर्क बनाया है, इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ एंड न्यूरो साइंस के द्वारा तकनीकी मदद ली जा रही है। इस नेटवर्क से ऐसे बच्चे मदद ले सकते है, जिन पर मानसिक या शारीरिक तौर पर कोविड का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इनमें वह बच्चे आ सकते है जो या तो खुद या उनके परिवार का सदस्य कोविड से संक्रमित रहा हो, इस दौरान बच्चों के अंदर जो डर की भावना जाग्रत हुई है उसी की काउंसिलिंग के लिए यह नंबर जारी किया गया है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल यादव ने बताया कि बच्चों के अंदर भावनाएं अधिक तीव्र होती है और जिज्ञाषा भी बहुत सारी होती है। कोविड-19 में जब बड़े लोग अपना मानसिक संतुलन सही नहीं रखा पा रहे है, तो बच्चों पर और ज्यादा असर पड़ रहा है, बच्चे अपने आपको अलग-थलग सा महसूस करते है और जो बच्चे उपचाराधीन हैं, उन्हें मानसिक स्तर पर एक भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है, इसके लिए सरकार की तरफ से यह प्रयास किया गया है। टोल फ्री नंबर पर सुबह 10 बजे से 1 बजे तक व दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक टेली काउंसिलिंग ली जा सकती है। अगर वयस्क मानसिक तनाव या चिंता महसूस कर रहे हैं तो राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान के टोल फ्री नंबर- 080-46110007 पर कॉल करके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं।