फसल अवशेष जलाना मानवता के प्रति अपराध, खेत में पराली एवं अन्य अवशेषों का प्रबन्धन करें, मशीनों का प्रयोग कर उसे मिट्टी में दे पलट: डीएम
कानपुर देहात। शासन के आदेशों के क्रम में जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रेसवार्ता के दौरान जनपद के किसान भाईयों से अपील करते हुए कहा कि फसल कटाई के उपरान्त पराली तथा अन्य फसल अवशेषों को कदापि न जलाये। जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषकों को संसाधन उपलब्ध कराये तथा व्यापक प्रचार प्रसार कर कृषकों को जागरूक करें तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही पायी जायेगी तो जिम्मेदारी तय की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रकृति चक्र में बाधक क्रिया है जिससे आपकी जमीन की उर्वरता एवं मित्र कीट नष्ट होते है इससे दीर्घकाल तक सततरूप से कृषि करना असम्भव हो जायेगा। फसल अवशेष जलाकर धरती माता को प्राकृतिक रूप से मिलने वाले पोषण अर्थात कार्बन अंश से वंचित कर दे रहे है जिससे आपके खेत अनउपजाऊ व बंजर हो जायेगें जो आने वाली पीढ़ी के साथ घोर अन्याय है। वातावरण में प्रदूषण के कारण तत्काल विभिन्न बीमारियाॅं एवं स्वांस कष्ट आदि उत्पन्न हो रहे है तथा ठंड के मौसम की शुरूआत में कोहरे के साथ धुआ के सहयोग से उत्पन्न धुंध से बहुतायत में वाहन दुर्घटनायें व जनहित भी होती है। फसल अवशेष जलाना मानता के प्रति अपराध है अतः खेत में पराली एवं अन्य अवशेषों का प्रबन्धन करें, मशीनों का प्रयोग कर उसे मिट्टी में पलट दे अथवा डीकम्पोजर का प्रयोग कर खेत में ही सड़ा दे जिससे आपकी जमीन की उत्पादकता बढ़े व खाद के लिये आपको कम खर्च करना पड़े।
जिलाधिकारी ने कहा कि मा० सर्वोच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण निर्देशों के क्रम में फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है जिसमें 2 एकड़ तक रू0 2500.00, 02 से 05 एकड़ तक रू0 5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक फसल अवशेष जलाने पर रू0 15000.00 का अर्थ दण्ड तथा कारावास की सजा का भी प्रावधान है। फसल अवशेष न जलाये जाये इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा प्रचार प्रसार करया गया है तथा विभिन्न कृषक व्हाट्सप ग्रुप के माध्यम से कृषकों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रत्येक तहसील में एक-एक प्रचार वाहन से प्रचार भी कराया गया है। मेरे द्वारा एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दैनिक समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया गया है।
फराल अवशेष प्रबन्धन हेतु जनपद में 43 कस्टम हायरिंग सेन्टर एवं 7 फार्म मशीनरी बैंक गतवर्षों में स्थापित किये गये है तथा 17 व्यक्तिगत यंत्र कृषकों के पास उपलब्ध है। जिससे पराली प्रबन्धन किया जा सकता है। सेटेलाइट के माध्यम से जनपद में पराली जलाने की घटनाओं की सूचना जनपद को प्राप्त होती है। 01 अक्टूबर से 06 अक्टूबर के बीच जनपद में 03 पराली जलाने की घटनायें हुई। जिसके कारण कृषकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी गायी। 15 हजार रूपये का जुर्माना भी वसूला गया है। जनपद कानपुर देहात में वर्ष 2020-21 में 09 फार्म मशीनरी बैंक (05 से 15 लाख) एवं 06 ग्राम पंचायत फार्म मशीनरी बैंक (05 लाख तक) लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत चयन कर लिया गया है एवं 50 प्रतिशत अनुदान पर फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्र सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, हैपीसीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चापर श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर, रिवर्सेबिल एमबीप्लाऊ, रोटरी स्लेसर, जीरो ट्रिल सीड कम फर्टी, ड्रिल, बेलर, स्ट्रा रैक, क्राप रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड, एवं रीपर कम्बाइन्डर के 133 लक्ष्य के सापेक्ष 57 टोकन ऑनलाइन निर्गत हुये जिसमे से 17 कृषको व्यक्तिगत यन्त्रों के बिल अपलोड कराये जिसमें से 07 यन्त्र आ चुके हैं तथा 01 फार्म मशीनरी बैंक के यन्त्र आ चुके हैं। कृषक भाई उपरोक्त कार्म मशीनरी बैंक एवं कृषकों से सम्पर्क कर पराली प्रबन्धन कर सकते है। अतः किसान भाइयों से अपील है कि पर्यावरण की सुरक्षा करें और अपने खेतों की उर्वरता सुरक्षित करें। फसल अवशेष में आग लगाकर मिट्टी की सेहत, पोषक तत्वों, सूक्ष्म जीवों के साथ ही अपनी आने वाली पीढी का भविष्य नष्ट न करें फिर भी यदि पराली जलाने की घटनाये होती है तो हमें बाध्य होकर कृषकों के विरुद्ध अर्थदण्ड एवं एफआईआर की कार्यवाही करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष का प्रबन्धन कर प्रदेश एवं देश हित में पर्यावरण को सुरक्षित रखकर मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में अपना सहयोग अवश्य प्रदान करेगें।
वहीं पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने भी कृषक भाईयों से अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेष में आग न लाये तथा फसल अवशेष का प्रबन्धन कर सहयोग करें।
इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व साहब लाल, उप कृषि निदेशक विनोद यादव, जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी अशोक कुमार आदि अधिकारीगण व पत्रकार बन्धु व प्रधानगण व कृषक आदि उपस्थित रहे।