लखनऊ/हाथरस, नीरज चक्रपाणि। यूपी के चर्चित हाथरस जनपद के बूलगढ़ी कांड के बाद आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीड़ित परिवार समेत यूपी सरकार के अफसरों से तमाम मुद्दों पर सवाल किए। मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव (गृह) और हाथरस जिला प्रशासन के अफसरों को तलब किया था। इसके अलावा हाई कोर्ट ने पीड़िता के परिवार के सभी पांच लोगों को भी यहां बुलाया था।
इस सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार ने हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए तीन तरह की मांग की। पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले को यूपी के बाहर के किसी राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दे। इसके अलावा परिवार ने अनुरोध किया कि सीबीआई जांच के सभी तथ्य जांच पूरी होने तक पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएं, साथ ही जांच की अवधि में परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई के लिये 2 नवम्बर नियत की गई है।
बूलगढ़ी कांड की पीड़िता के परिवार के साथ प्रसिद्ध वकील सीमा कुशवाहा ने हाई कोर्ट में तमाम दलीलें रखीं। वहीं यूपी सरकार की तरफ से अडिशनल एडवोकेट जनरल विनोद शाही अदालत में जिरह करने पहुंचे। सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव और हाथरस के डीएम एवं एसपी से सवाल पूछे। इसके अलावा पीड़िता के परिवार का बयान भी दर्ज कराया गया।
थाना चन्दपा क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार पीड़िता के परिजनों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में पेश करने के लिये कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज सुबह छह बजे यहां से लखनऊ के लिये रवाना किया गया है। एक अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी।
पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिये उप्र शासन द्वारा नोडल अधिकारी बनाये गये पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) शलभ माथुर ने बताया कि आज सुबह करीब छह बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के परिजनों को लखनऊ भेजा गया है। इनमें पीड़िता की मां, तीन भाई और पिता शामिल हैं। इनके साथ मजिस्ट्रेट अंजली गंगवार और पुलिस क्षेत्राधिकारी शैलेन्द्र वाजपेयी के अलावा परिवार की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और पीएसी के जवान भी गये है। माथुर ने बताया कि परिवार की सुरक्षा में पुलिस की पांच एस्कॉर्ट गाड़ी भी साथ साथ गई है।