चकिया/ चन्दौली,जन सामना। किसान विरोधी तीनों काला कानून को रद्द करने,संशोधित बिजली बिल 2020 की वापसी,न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी किसानों के फसल खरीद की गारंटी,स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किसान को लागत मूल्य के डेढ़ गुने दाम की गारंटी,किसानों के सभी छोटे बड़े कर्ज माफ,डीजल पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतें वापस तथा इनके मूल्य नियंत्रण के लिए सरकारी अनुदान सहित तमाम मांगों को लेकर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन एपवा के प्रदेश व्यापी आह्वान पर दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में महिलाओं ने स्थानीय चकिया गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना दिया तथा राष्ट्रपति जी को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
धरने को संबोधित करते हुए एपवा जिला काउंसिल सदस्य तथा चकिया संयोजक मंजू बियार ने कहा कि आज जो किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं वह सिर्फ उनकी लड़ाई नहीं है अगर सरकार तीनों काला कानून वापस नहीं लेती है तो इसका असर महिलाओं पर सबसे ज्यादा पड़ने वाला है क्योंकि खेती को कारपोरेट के हवाले कर दिए जाने पर परिवार चलाने में जो संकट आएगा| उससे महिलाओं को सबसे ज्यादा दो.चार होना पड़ेगा इसलिए हम दिल्ली के आंदोलनकारी किसानों के साथ हैं और मांग करते हैं कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को मानते हुए तीनों काला कानून रद्द करें और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किसान को लागत मूल्य के डेढ़ गुने दाम की गारंटी का कानून बनाए।
एपवा नेत्री ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने से क्यों पीछे हट रही है अगर किसानों की यह मांग जायज है और सरकार लिख कर देने को तैयार है तो इस बात का कानून बनाने में सरकार को किस बात का खतरा हो रहा है।धरने को समर्थन देने आए इंकलाबी नौजवान सभा के जिला संयोजन समिति सदस्य कामरेड रमेश चौहान ने कहा कि जिस तरीके से किसान दिल्ली में अपनी जमीन और अधिकार बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी तरह से स्थानिय चकिया के शिकारगंज क्षेत्र के गणवा ताजपुर के गरीब किसान इंकलाबी नौजवान सभा तथाअखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले अपनी जमीन और अधिकार बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं जिन सवालों का स्थानीय प्रशासन कोई ठोस हल निकाल पाने में अब तक अक्षम साबित हुआ है, कई बार अधिकारियों से वार्ता होने के बावजूद अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल द्वारा उठाए गए 6 सूत्री सवालों पर कोई हल न निकल पाने की स्थिति में कल दिनांक 23 दिसंबर को जहां दिल्ली में किसान 1 दिन का अन्न त्याग करने जा रहे हैं गणवा में भी अब तक सवालों को हल न किए जाने से क्षुब्ध खेग्रामस तथा इनौस कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने जा रहे हैं इस परिस्थिति में कुछ भी होने की दशा में जिला व तहसील प्रशासन जिम्मेदार होगा।इनौस नेता ने धरना दे रही महिलाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब यह आधी आबादी किसानों के आंदोलन के साथ है चाहे वह दिल्ली का आंदोलन हो या ताजपुर गणवा का तो सरकार को इस पर सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा।
एक दिवसीय धरने में एपवा जिला कौन्सिल सदस्य लल्लन देवी,कमली बनवासी,बदामा देवी,किस्मती देवी,ममता चौहान, सुशीला देवी,हेमंती देवी,राजवंती देवीमंजू देवी कृष्णावती देवी सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल रही।