कानपुर, जन सामना। वैश्य महासंगठन के तत्वाधान में आज वैश्य रत्न लाला लाजपत राय की जयंती के उपलक्ष्य में लाला लाजपत राय और डॉ राम मनोहर लोहिया को भारत रत्न देने की माँग के साथ वैश्य समाज के भारत निर्माण में इतिहासिक योगदान के बावजूद वैश्य समाज की भारत रत्न में नजरअंदाजी के खिलाफ रोष दिखा। माल रोड पे आयोजित गोष्ठी व मिष्ठान वितरण कार्यक्रम में संस्थापक अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि भारत रत्न में वैश्य समाज की भागेदारी निल के बराबर रही है। भारत निर्माण में वैश्य समाज का अतुलनीय योगदान है और जब सम्मान देने की बात आती है। तो वैश्य समाज को विचार के लिए सबसे अंतिम श्रेणी में भी नहीं रखा जाता।लाला लाजपत राय,डॉ राम मनोहर लोहिया जैसे क्रांतिकारी विचारक और आंदोलनकारियों का भी अधिकार है। भारत रत्न पे।लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को हुआ था व मृत्यु 17 नवम्बर 1928 को। वे भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। वैश्य महासंगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय बिस्वारी ने कहा की सन 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया| जिसके दौरान हुए लाठी.चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्ततरू १७ नवम्बर सन् १९२८ को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी। शुभ गुप्ता ने कहा की लाला जी वैश्य समाज की शान थे और उनको वैश्य रत्न कहा जाता है।जितेंद्र जायसवाल ने बताया की लाला जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए जनमानस में मिष्ठान वितरण किया गया।अभिमन्यु गुप्ता,संजय बिस्वरी, जितेंद्र जायसवाल,शुभ गुप्ता,अंकुर गुप्ता,पारस गुप्ता,अभिषेक गर्ग,मयंक, धर्मेंद्र आदि मौजूद थे।