कानपुर,जन सामना। आत्मनिर्भर भारत के तले इस स्टार्टअप ने अभी तक 50 से ऊपर महिलाओं को स्वरोजगार का माध्यम दिया और साथ ही लोकल सुक्ष्म एवं लघु उद्योग कर्मियों को वोकल फॉर लोकल के तहत अपनी चीज़े ऑनलाइन बेचने का एक प्लेटफार्म दिया जिससे वे नए कस्टमर्स तक पहुंच सके और अपनी कमाई बढ़ा सकें! कंपनी के को.फाउंडर्स गुड्डू कुमार सीईओ अक्षत श्रीवास्तव टीबीओ और सागर यादव सीओओ ने बताया की ये सेवाएं लोगों द्वारा काफी सराही जा रही है। वहीं घर का बना खाना की डिमांड पूरे भारत में है और फ़िलहाल कोई और स्टार्टअप इस छेत्र में काम नहीं कर रहा! लोग रेस्ट्रॉन्ट से बने खाने की अपेक्षा घर से बने खाने को ज्यादा पसंद करते हैं। इसके साथ ही अन्य छोटी मोटी आवश्यकताएं भी इस प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों तक पहुंच रही हैं। इससे लोकल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा और वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहन मिलेगा। इस मोबाइल एप्लीकेशन क जरिये महिलाये अपने घर बैठे घर का खाना, मिठाई एवं अन्य चीज़े हज़ारो लोगों तक बेच पा रही हैं। वहीं महीने का 1 लाख तक कमा पा रही हैं। लॉकडाउन के समय से शुरू की गयी ये पहल अब आईआईटी कानपुर कैंपस और आस पास के क्षेत्रों नानकरी, रतन प्लेनेट, गूबा गार्डन के लोगों के बिच काफी लोकप्रिय हो रही है! घर का बना खाना के साथ ही इस एप्लीकेशन पे सब्जी, राशन, किराना मीट इत्यादि चीज़े भी लोग खरीद सकते हैं। जो उनको 1 घंटे में होम डिलीवरी हो जाती है। रेंजर्स की मदद आईआईटी कानपुर के ही पूर्व छात्रों द्वारा शुरू की गयी ये पहल अब यहाँ की महिलाओं और लोकल उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने में और रोज़गार प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।अंशु सिंह सेंगर मार्केट एडवाइजर टेंपल हाट से बातचीत में पता चला की ये सेवाएं जल्द ही देश के विभिन्न छेत्रों में शुरू की जाएंगी। जनवरी में कंपनी की ऑपरेशन्स बनारस में शुरू कर दी गयी है।
कैंपस हाट, एस आई,आई,सी, आईआई टी कानपुर में इन्क्यूबेटेड और स्टार्टअप इंडिया द्वारा प्रमाणित हैं!