चन्दौली। सेमरा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान इतना मशगूल है कि, उसे पैसे कमाने के अलावा कोई और काम समझ नहीं आता है। यहाँ तक कि खाने-पीने से लेकर, अपने बच्चों, अपने परिवार में भी इसीलिए उलझा हुआ है। आज समाज अमीर और गरीब दो भाग में बंट गया है, आज अमीर गरीब की तरफ देखता ही नहीं, अधिक धन वाले गरीबों पर हँसते हैं उनका मज़ाक उड़ाते हैं, उन्हें दुत्कार देते हैं, लेकिन याद रहे कि उसी खुदा ने उसको गरीब बनाया है, जिस भगवान ने आपको धनवान बनाया है। याद रखिए -‘मानवता की सेवा से परमात्मा प्रभावित होते हैं’। मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के नौजवानों के सेवा भाव को देखकर मन आह्लादित हो जाता है। और वहाँ के गरीबों के चेहरे पर आत्मसंतोष का भाव देखकर मन विभोर हो जाता है। आप सभी का सेवाभाव देखकर लगता है कि आपकी खुशी बनावटी नहीं है। आपकी टीम के साथ लगातार कार्य करते समय मैंने अन्तर्मन से इस बात को महसूस किया है। मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के लोगों के प्रति गरीबों का लगाव सहज और विश्वास भरा है। ये बातें कही राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ विकास खण्ड चकिया की अध्यक्ष सुश्री रीता पाण्डेय ने। पाण्डेय आज नियमित और लगातार प्रत्येक शुक्रवार को सेमरा शहाबगंज में लगने निशुल्क चिकित्सा शिविर को सम्बोधित कर रही थीं। मौका था, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित स्वयं सेवी संगठन मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के नेत्रालय वाराणसी द्वारा आयोजित निःशुल्क नेत्र शिविर का। कैम्प में जुटे लोंगो को सम्बोधित करते हुए सुबाष विश्वकर्मा ने कहा कि बेसहारों की सहायता ही ईश्वर की सच्ची पूजा है, और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। यानि ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’ है। आज आर. के नेत्रालय और मातृ भूमि सेवा ट्रस्ट के लोगों की सेवा देखकर मन आह्लादित हो गया है। कैम्प का संचालन मातृ भूमि सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने किया और धन्यवाद ग्यापन सुमन्त कुमार मौर्य ने किया। आज कैम्प में कुल 560 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया। जिसमें सभी प्रकार के मरीजों का इलाज कर उन्हें निशुल्क दवा दी गई। कैम्प में आज 147 मरीजों के मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए चिन्हित किया गया, और शेष सभी मरीजों को दवा और चश्मे का वितरण किया गया। कैम्प में प्रमुख रुप से डा. अतुल शाहु, डा. राहुल प्रधान, डा. वन्दना, डा. जिनियादेव, डा. ईन्शा, प्रभात जायसवाल, डा. रंजीत जायसवाल, रमेश श्रीवास्तव, प्रवीण नागर, आर.के सिंह, शहजाद, अमरेश उपाध्याय, चन्द़शेखर शाहनी, संजय पाल, जावेद भाई, धर्मेंद्र शाहनी, राजेश सिंह, अजय सिंह, लाल बाबा, राधेश्याम यादव, मोनू भगत, अमजद, प्रधान बदरुद्वजा अंसारी, गुड्डू ईत्यादि लोग मौजूद थे।