नाम यूं ही ना बिसराना
मूरत को दिल मे बसाना
उनका ऐ मेरे वतन
लहू से सींच गये जो
भारत का प्यारा चमन।
मन मे साहस भरना हो तो
जीवन पावन करना हो तो
तुम आदर और सम्मान से
करना उनको भी नमन
लहू से सींच गये जो
भारत का प्यारा चमन।
कुर्बानी पर तुम नाज़ करो
पर दिल से कभी एहसास करो
उनके माता, पीता, पत्नी, बच्चों के
आंसू और तड़पन
लहू से सींच गये जो
भारत का प्यारा चमन।
लोग हिंदू मुसलमां करते हैं
नफरत दिलों मे भरते हैं
वो मौत को गले लगा के गये
हमे देने को चैनो-अमन
लहू से सींच गये जो
भारत का प्यारा चमन। -बीना राय गाजीपुर, उ0प्र0