Monday, November 18, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » डीएम ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 25 दावे किये स्वीकृत

डीएम ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 25 दावे किये स्वीकृत

निर्विवाद उत्तराधिकार योजना के अन्तर्गत अब तक 11981 दावे हुए चिन्हित
कानपुर देहात। जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र ने मुख्यमंत्री जी की वीडियो कान्फ्रेसिंग के उपरान्त शासनादेश के तहत राजस्व द्वारा उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे कृषकों जिनकी दुर्घटनावश मृत्यु अथवा दिवयांग हो जाते है के लिए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत दिनांक 20 व 21 फरवरी 2021 में 25 कृषकों के दावे को स्वीकृत किया गया। इसके पूर्व 138 कृषकों के दावों को पूर्व में ही स्वीकृत किया जा चुका है। इस प्रकार 06 महा के अन्दर 163 कृषकों के दावों को स्वीकृत किया जा चुका है। एक महत्वपूर्ण दावा के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि मृतका रन्नोदेवी पत्नी स्व0 रामनरेश निवासिनी ग्राम जल्लापुर, तहसील भोगनीपुर, कानपुर देहात जिनकी मृत्यु दिनांक 20.09.2019 को हो गयी थी। मृतका के दावे का निस्तारण तब से इस कारण से नही हो पा रहा था कि इनके 05 बजे नाबालिग है और 02 बच्चे बालिग है और पति की मृत्यु हो गयी है। चूंकि दावे से प्राप्त धनराशि का वारिसानों को समानुपातिक भाग में धनराशि का वितरण होता है। बच्चों का बैंक खाता न खुल पाने के कारण दावा लगभग 02 वर्ष से स्वीकृत नही हो पा रहा था। जिलाधिकारी के प्रकरण संज्ञान पर आने पर जिलाधिकारी द्वारा उप जिलाधिकारी भोगनीपुर को तत्काल बच्चों के बैंक खाते खुलवाये जाने के निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी के प्रयास से बच्चों के बैंक खाते खुलने के उपरान्त रन्नो देवी पत्नी स्व0 रामनरेश निवासी ग्राम जल्लापुर तहसील भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात का भी दावा स्वीकृत कर दिया गया।
इसी प्रकार निर्विवाद उत्तराधिकार योजना के अन्तर्गत अब तक 11981 दावे चिन्हित व प्राप्त है जिसमें से 10044 दावों पर आदेश पारित किये गये है और कृषकों को निशुल्क खतौनी का वितरण ग्रामों में चैपाल लगाकर किया गया। दिनांक 21 फरवरी 2021 को जनपद कानपुर देहात में मा0 01 दावा समय सीमा के उपरान्त लम्बित है। इस प्रकार जनपद में निर्विवाद उत्तराधिकार योजना के अन्तर्गत बहुत ही अच्छा कार्य किया गया है। इसके लिये जिलाधिकारी द्वारा सभी उप जिलाधिकारियों, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं लेखपालों को साधुवाद दिया गया तथा भूलेख कार्यालय में कार्यरत बलीराम एवं हरदीप को प्रतिदिन इसकी समीक्षा कराये जाने एवं विवरण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए उनकी भी प्रशंसा की गयी।