40 लाख रुपये की वसूली के लिये DM ने अपर मुख्य सचिव सहकारिता को लिखा पत्र
कानपुर देहात। साधन सहकारी समिति गौरीहसनपुर, राजपुर एवं गोपालपुर विकास खण्ड राजपुर में पूर्व सचिव ज्ञान सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में किये गये वित्तीय गबन पर कानपुर देहात जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। गौरतलब है कि किसानों को खाद, बीज एवं अल्पकालीन फसली ऋण प्रदान करने के साथ साथ उनकी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने हेतु किसान/साधन सहकारी समितियों की स्थापना शासन द्वारा की गयी है किन्तु सम्बन्धित समिति सचिव द्वारा सही ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन न करने, बकायेदारों द्वारा अदा की गयी धनराशि का दुरुपयोग करने से जनपद में कार्यरत कई सहकारी समितियों की ऋण सीमा चोक हो गयी एवं समितियों में ताला लग गया।
गबन का एक ऐसा ही प्रकरण विकास खण्ड राजपुर की गौरीहसनपुर, राजपुर एवं गोपालपुर समितियों में प्रकाश में आया है जिसमें सम्बन्धित समिति सचिव द्वारा कास्तकारों से प्राप्त धनराशि को अपने वेतन में इस्तेमाल करके समितियों में 30 लाख का गबन किया गया जिससे समितियों की ऋण सीमायें चोक हो गयी थीं एवं समितियां निष्क्रिय सहकारी समितियों में तब्दील हो गयीं थीं, जिससे क्षेत्र के कास्तकारों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था जिसके परिप्रेक्ष्य मे मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात के निर्देश पर राजपुर एवं गौरीहसनपुर समितियों को अतिरिक्त ऋण सीमा प्रदान करते हुए सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता कानपुर देहात द्वारा पुनः संचालित कराया गया था जबकि गोपालपुर समिति अभी तक निष्क्रिय है।
ज्ञान सिंह द्वारा किये गये वित्तीय गबन की जाॅंच सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता कानपुर देहात द्वारा की गयी जिसमें 30 लाख का गबन उजागर हुआ जिसके क्रम में वसूली की विभागीय कार्यवाही हेतु ज्ञान सिंह हाल निवासी ग्राम राजेपुर पो0- बिल्हौर जनपद कानपुर नगर को उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 68(2) के अंतर्गत आदेशित किया गया कि वह 45 दिनों के अंदर ब्याज सहित समितियों को धनराशि वापस कर दें अन्यथा उनकी सम्पत्ति की कुर्की नीलामी कराते हुए विभाग द्वारा धनराशि वसूल की जायेगी।
प्रकरण के विशेष महत्व को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात ने मुख्य विकास अधिकारी कानपुर नगर को अनुरोध पत्र भी लिखा था कि पूर्व समिति सचिव 45 दिनों तक अपनी सम्पत्ति की बिक्री न कर पाये ताकि यदि 45 दिनों की अवधि समाप्त होने पर सम्बन्धित सचिव द्वारा अपने देयकों का भुगतान नही किया जाता है तो उसकी सम्पत्ति की बिक्री/कुर्की करके धनराशि की वसूली की जा सके।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता कानपुर देहात द्वारा अवगत कराया गया कि ज्ञान सिंह की सम्पत्ति उनके पैतृक गाॅंव राजेपुर पो0- बिल्हौर में है जिसकी बिक्री/कुर्की कराकर समितियों को उनकी धनराशि वापस दिलाये जाने की कार्यवाही जिला प्रशासन कानपुर नगर द्वारा की जानी है। 45 दिनों की अवधि समाप्त होने पर भी ज्ञान सिंह द्वारा समितियों को उनकी धनराशि वापस दिये जाने में कोई रुचि नही दिखायी जा रही है, अतः जिलाधिकारी कानपुर देहात द्वारा अपर मुख्य सचिव सहकारिता को इस आशय का अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया है कि वह उ0प्र0 सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 92‘क‘ की कार्यवाही जिलाधिकारी कानपुर नगर के माध्यम से संचालित कराने का कष्ट करें जिससे ज्ञान सिंह की चल, अचल सम्पत्ति की बिक्री, कुर्की करके सहकारी समितियों को उनकी धनराशि वापस मिलने का मार्ग प्रशस्त हो सके।