कानपुर, जन सामना। 10 मार्च को मार्ग दुर्घटना में घायल हुए रामलीला के ख्यातिप्राप्त व्यास अशोक सारस्वत का कल हैलट अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह मूल रूप से सिकठिया पुरवा के निवासी थे और नौबस्ता में मण्डी समिति के पीछे केडीए कालोनी में रहते थे। जानकारी के अनुसार 7 मार्च को अशोक जी अचलगंज, उन्नाव के रामलीला कार्यक्रम में सम्मिलित होने गये थे। वहाँ आयोजन समिति की और से उन्हें सम्मानित भी किया गया था। उसके बाद रात में ही वह अचलगंज से कानपुर के लिए वापस निकले थे और त्रिभुवन खेड़ा के पास किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से गम्भीर रूप से घायल होकर गिर गये। किसी राहगीर की सूचना पर पहुँची पुलिस ने 108 नम्बर एम्बुलेंस की मदद से व्यास जी को कानपुर के काशीराम अस्पताल में भर्ती कराया परन्तु हालत गम्भीर होने के कारण डाक्टरों ने तुरन्त ही हैलट रिफर कर दिया। जहाँ उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। लेकिन दूसरे दिन इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया। अशोक की मृत्यु से सम्पूर्ण रामलीला जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। नारायण मिश्र, केशव त्रिवेदी, ओम प्रकाश त्रिवेदी, भोला बाजपेयी, अन्नू शुक्ला, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, सुधेश मिश्र, डॉ0दीपकुमार शुक्ल, राकेश त्रिपाठी तथा टिंकू कानपुरी आदि अनेक नामचीन कलाकारों ने अशोक जी के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त कीद्य पोस्ट मार्टम के बाद आज परिजन उन्हें सिकठिया पुरवा ले गये और वहीँ से अन्तिम संस्कार के लिए डोमनपुर घाट ले जाया गया। अशोक जी के पिताजी रामलीला का मण्डल चलाते थे। इसलिए ये बाल्यकाल में ही रामलीला से जुड़ गये थे ।इन्होंने सबसे पहले कई वर्षों तक राम का अभिनय किया और फिर व्यास के रूप में प्रतिष्ठित हो गये। सुरीली आवाज और दमदार प्रस्तुति के कारण कानपुर और आसपास के मंचों पर इन्हें विशेष रूप से आमन्त्रित किया जाता था। अशोक जी अपने पीछे पत्नीए दो पुत्र और पुत्रों के परिवार को छोड़ कर गये हैं।