Monday, November 18, 2024
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नकली नोट छापने के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, सरगना सहित पांच गिरफ्तार

फिरोजाबाद, जन सामना।  शिकोहाबाद पुलिस ने नकली नोट छापने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है। पुलिस ने मुख्य सरगना सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से करीब दो लाख के नकली नोट बरामद किये है। पुलिस ने सभी को जेल भेजा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए समस्त प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने और चुनाव में गड़बड़ी फैलाने वाले अराजकतत्वों पर पैनी नजर रखने हेतु निर्देष दिये गये थे। उन्होंने बताया कि शिकोहाबाद प्रभारी सुनील कुमार तोमर पुलिस टीम के साथ बुधवार की रात्रि क्षेत्र में गस्त पर थे तभी उन्होंने आवास विकास कॉलोनी स्थित पार्क के सामने बने मकान में नकली नोट छापने वाले अन्र्तराज्जीय गैंग के सरगना तजेन्द्र उर्फ काका पुत्र हरभजन सिंह निवासी गुरुद्वारा सिंह साहब ब्लाक 9 मोतीनगर थाना मोतीनगर नई दिल्ली को उसके चार सदस्यों सन्तोष उर्फ सलीम पुत्र मैकूलाल निवासी आवगंगा ओमनगर थाना शिकोहाबाद, जितेन्द्र पुत्र रामकेश कठेरिया निवासी मैनपुरी चौराहा आवगंगा रोड ओमनगर थाना शिकोहाबाद, दिलीप उर्फ छोट पुत्र पातीराम निवासी आवास विकास कॉलोनी थाना शिकोहाबाद व दीपक उर्फ गुड्डू पुत्र रामवीर निवासी हीरानगर कस्वा व थाना शिकोहाबाद के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से सौ-सौ के एक लाख बानवे हजार रुपये के नोट, लैपटाप, प्रिंटर आदि उपकरण एवं अवैध असलाह बरामद किये हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार गिरोह के सरगना तजेन्द्र उर्क काका द्वारा बताया गया कि वह वर्ष 2000 में अपराध जगत में प्रवेश कर पहली बार जेल गया था और जेल से आने के बाद नकली नोट छापने के कार्य में संलिप्त हो गया जिसके फलस्वरूप 2006 में थाना कमला मार्केट व वर्ष 2012 में दिल्ली के विजय बिहार थाना क्षेत्र से जेल गया और काफी लम्बे समय तक तिहाड़ जेल में निरूद्ध रहा। तत्पश्चात वर्ष 2017 में थाना क्षेत्र दक्षिण जनपद फिरोजाबाद से भी नकली नोट छापने के सम्बन्ध में जेल गया। कुछ दिनों पहले जमानत पर बाहर आते ही मैंने अपने साथी सन्तोष उर्फ सलीम आदि की मदद से उनको साथ लेकर फिर से नकली नोट छापने के सभी उपकरण जुटाए और नकली 100-100 रूपये के नोट छापने लगे। जिनको त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व होली के त्यौहार पर बाजारों में खपाने की योजना थी लेकिन उससे पहले ही पकड़ लिया गया।