कानपुर देहात। विश्व जल संरक्षण दिवस पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने जल की महत्ता एवं जल संरक्षण पर विशेष रूप पर बल दिया। विकास भवन में जल संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस मौके पर जहाँ प्रधानमंत्री जी का लाइव प्रसारण देखा गया, साथ ही जिलाधिकारी ने जल संरक्षण को लेकर सभागार में उपस्थित व्यक्तियों को शपथ भी दिलायी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज के समय में पानी के बचत की महती आवश्यकता है। इसी लिए हर व्यक्ति को जल संरक्षण पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जल का उपयोग इस तरह करे कि आज और कल जल की उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने कहा कि हमारे जनपद में नहरें है। नलकूप है, तालाब है, जिसमें जल की पर्याप्त उपलब्धता है। लेकिन जरूरत है कि इन स्रोतों में विद्यमान जल को संरक्षित करने की। उन्होंने कहा कि हम ग्राउंडवाटर का सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे है। जिससे हमारे जल का स्रोत लगातार खत्म हो रहा है जबकि आज जरूरत है कि हम ग्राउंडवाटर के बजाये सरफेस वाटर का सही इस्तेमाल करें। उन्होंने एक उदाहरण के माध्यम से समझाने का प्रयास किया उन्होंने कहा कि अमेरिका आज अपने भूमिगत तेलों का उपयोग बहुत कम करता है। अपनी इस आवश्यकता की पूर्ति व पश्चिम एशियाई देशों से कर लिया करता है यही कारण है कि उसके पास तेल का पर्याप्त भण्डार मौजूद है। आज जरूरत है हम जल संरक्षण के इसी नीति पर चले। हम जल के अपव्यय को रोक कर ही जल को संरक्षित कर सकते है।
मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने जल दिवस पर सर्वप्रथम सभी को शुभकामनायें और बधाईयां देते हुए कहा कि जल ही जीवन है जल है तो कल हैए उन्होंने इस मौके पर विशेष रूप से रहीम के एक दोहे ष्ष्रहिमन पानी राखियेए विन पानी सब सून, पानी गये न ऊबरे, मोती मानुष चून पर विशेष रूप पर चर्चा की। साथ ही आगे कहा कि जल के हर बूंद को संजोने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम जल का संरक्षण कर सकते है। इस मौके पर उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संरक्षण के उपायों को अपनाने को कहा। उन्होंने ूेज िकी विशेष रूप से चर्चा की जिसके माध्यम से गांवों में जल को संरक्षित किया जा सकता है। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि जल्द ही 27 गांवांे में इसकी शुरूआत करने जा रहे है। उनका मामना है कि महिलायें जल संरक्षण में एक महती भूमिका निभा सकती है। क्योकि जल की हर बूंद कीमती है। जल के बिना कोई भी सजीव प्राणी पल भर भी जिन्दा नही रह सकता। इस मौके पर डीसी मनरेगा, भूमि संरक्षण अधिकारी, उद्यान विभाग, जल निगम, कृषि, डीपीआरओ विभाग के अधिकारियों ने इस मामले मे उपस्थित जनो को जानकारी दी।
इस मौके परियोजना निदेशक डीआरडीए, डीपीआरओ, सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, उप कृषि निदेशक, जिला उद्यान अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सहित काफी संख्या में संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न विकास खंडों से आये ग्रामीण महिलाएं आदि उपस्थित रहे। वहीं जनपद के सभी विकास खण्डों, नगर पंचायतों, नगर निकायों, तहसीलों में भी विश्व जल संरक्षण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।