Monday, November 18, 2024
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कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं सावधानी जरूरी-डा. एस.पी.एस. चौहान

फिरोजाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चंद्रनगर महानगर के द्वारा बुधवार को वर्चुअल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डा. एस.पी.एस चौहान ने कोोरना बीमारी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इसके उपचार संबंधी भी जानकारी दी। कार्यक्रम में लगभग 100 लोगों ने ऑनलाइन जुड़कर एवं 500 से ज्यादा लोगों ने उनकी बातों को सुना। कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम संघ गीत के साथ गूगल मीट पर हुआ। इसके बाद चंद्र नगर महानगर के संघचालक एवं शहर के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रमाशंकर सिंह ने आए हुए अतिथि का परिचय कराया। वहीं विभाग प्रचारक धर्मेंद्र भारत के नेतृत्व में कार्यक्रम को आगे की ओर दिशा प्रदान की गई। डॉक्टर एसपीएस चौहान ने कोरोना बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह एक पेंडेमिक है क्योंकि यह संपूर्ण भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में अपने पांव पसारे हुए हैं। उन्होंने कहा महामारी के काल में हमें पैनिक होने की नहीं बल्कि सावधान होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि को कोरोना नाम का यह वायरस केवल अभी हाल में ही सक्रिय नहीं हुआ है यह पूर्व में भी सक्रिय था। जिसके कारण लोगों को सर्दी जुकाम की परेशानी भी होती थी। लेकिन कोविड-19 एक नए रूप में पाया गया है। वहीं कोराना की दूसरी लहर में इस वायरस का नया रूप सामने आया है जो कि पूर्व की अपेक्षा काफी भयावह है। कोरोना के इस नए रूप का सर्वप्रथम सन 2019 में चाइना की बुहान शहर में प्रभाव देखा गया। डॉ चैहान ने बताया कोरोना का इन्फेक्शन व्यक्ति की इम्यूनिटी शक्ति के आधार पर निर्भर करता है। जिन व्यक्तियों की इम्यूनिटी शक्ति कमजोर है उन्हें इसका इंफेक्शन शीघ्र होता है। वैसे तो शरीर के अंदर एंटीबॉडीज बनाने की क्षमता होती है जैसे ही कोरोना वायरस किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो उसका शरीर स्वत ही एंटीबॉडीज बनाने शुरू कर देता है और कोरोना वायरस को खत्म करने का काम करता है। कोरोना के इंफेक्शन के कारण व्यक्ति के शरीर के विभिन्न तंत्र निष्क्रिय हो जाते हैं। यही कारण है अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता पर स्वसन तंत्र अधिक क्रियाशील नहीं होता और ना ही उसे मस्तिष्क से निर्देश प्राप्त होता। जिसके कारण व्यक्ति में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने घर पर साबुन का उपयोग हाथ धोने में करना चाहिए और यदि हम घर से बाहर हैं तो हम सैनिटाइजर का उपयोग करें। हमें अपने हाथ लगभग 30 से 40 सेकंड तक धोने चाहिए तथा ट्रिपल लेयर का मास्क इस्तेमाल करना चाहिए। अगर संभव हो सकता है तो हम चश्मा भी लगा सकते हैं। साथ ही कहा कि कोराना से संक्रमित व्यक्ति को फास्ट फूड, तली हुई चीजें नहीं लेनी चाहिए। ऐसे समय में संक्रमित व्यक्ति ही नहीं अपितु प्रत्येक व्यक्ति को प्राकृतिक फल व उनका जूस का सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन प्रचुर मात्रा में करना सेहत के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कोरोना के लक्षण बताते हुए कहा कि इसमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराश और कभी-कभी दस्त होने की शिकायत रहती है। सामान्यतया देखा जाता है कि संक्रमित व्यक्ति में स्वाद और सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है। संक्रमित होने की स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है वल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि इस बीमारी से 80 से 85ः व्यक्ति अपने घर पर स्वत ही अपने चिकित्सक के द्वारा सलाह लेकर ठीक हो रहे हैं। वही बहुत कम प्रतिशत में यह घातक सिद्ध हो रहा है। हमें स्वयं को हवादार कमरे में रखना चाहिए और ए. सी. के प्रयोग से बचने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से महानगर कार्यवाह गौरव, महानगर सह कार्यवाह सौरभ, महानगर सह कार्यवाह राम कुमार गुप्ता, महानगर संपर्क प्रमुख उत्तम, महानगर बौद्धिक प्रमुख संदीप, महानगर प्रचार प्रमुख ललित मोहन सक्सेना, समाज सेविका एवं शिक्षाविद अनुपमा शर्मा आदि मौजूद रहे।