सैफई, इटावा| सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भले ही मरीजो के इलाज का लाख दावा करता हो लेकिन यहां मरीजो की जिंदगी से खिलबाड़ जारी है कन्नौज के एक युवक ने अपनी मां की मौत का जिम्मेदार चिकित्सको को ठहराया है। कन्नौज के परवेज ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के चिकित्सकों पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। हमारे प्रतिनिधि ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो देखा कि ट्रामा सेंटर के बाहर एक युवक अपनी मां के मृत शरीर को एंबुलेंस में रखते समय फूट फूट कर रो रहा था और चीख चीख कर कह रहा था, कि अगर हम अपनी माँ को सैफई न लाते तो मेरी माँ आज जिंदा होती। हमारे प्रतिनिधि ने उसका दर्द कुरेदने की कोशिश की तो सौरिख जिला कन्नौज निवासी परवेज ने बताया कि अपनी मां को इलाज के लिए सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी लेकर आए थे। बड़ी मुश्किल से मां को भर्ती कराया जब भर्ती हो गई तो ऑक्सीजन नहीं मिली और जब ऑक्सीजन मिल गयी| तो दबाई नही मिली और जब दवाई मिल गई। तो डॉक्टर देखने नहीं आए, परवेज ने कहा कि जिन मरीजों की सिफारिश हो रही थी उनको डॉक्टर देख रहे थे और मेरी मां चिकित्सकों की लापरवाही से मर गई उन्होंने आरोप लगाया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में बड़ी भारी व्यवस्था है यहां सिफारिश पर इलाज किया जाता है। अगर आप की सिफारिश है, तभी आपके मरीज का इलाज हो जाएगा वरना। आप के मरीज का मरना निश्चित है कन्नौज के परवेज ने सैफई मेडिकल मेडिकल यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगाया है उन्होंने जाते.जाते कहा कि मेरा मरीज तो चला गया लेकिन आगे व्यवस्थाएं सुधर जाएं और दूसरे की मां बच जाए इसलिए मैं मीडिया के सामने अपना बयान दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी मां को अगर डॉक्टरों ने देखा होता और उसका इलाज किया होता तो मेरी मां आज जिंदा होती मैं डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाता रहा क अगर दवाई नहीं है। तो मुझे बाहर की दवाई लिख दो मैं दवाई ले आऊंगा। लेकिन मेरी मां का इलाज करो। लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और मेरी मां डॉक्टरों की लापरवाही से दुनिया छोड़ कर चली गई। दूसरा मामला कोविड.19 का सामने आया है कोविड.19 मरीजो की देखभाल में भारी लापरवाही की बात सामने आ रही मरीजों द्वारा शिकायत करने पर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। डॉक्टर मरीजों के तीमारदारों को दवाइयां बाहर से लाने के लिए मेडिकल स्टोरों पर कमीशन खोरी का धंधा खूब फल.फूल रहा है। कुछ डॉक्टर मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से लाने के लिए दवाइयां लिखते हैं और उन मेडिकल स्टोरों पर डॉक्टरों का भारी कमीशन बना रहता है। कोविड.19 मरीजों के वार्ड में तीमारदारों को घुसने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। कोविड.19 कई मरीज बाहर से दवाई लाते हुए देखें गए।