Monday, November 18, 2024
Breaking News
Home » लेख/विचार » तीसरे विश्वयुद्ध का हूंकार: 35 एकड़ का भूमि का टुकड़ा

तीसरे विश्वयुद्ध का हूंकार: 35 एकड़ का भूमि का टुकड़ा

क्या हम तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं? जब से कोविड-19 ने दस्तक दी है चारों ओर त्राहि-त्राहि का मंजर रहा है। परंतु पिछले वर्ष से हमें काफी सारे जियो पोलिटिकल बदलाव दिखे हैं। इस आधुनिक युग में युद्ध की परिस्थितियां निरंतर पनप रही है। वैश्विक महामारी कई वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के निजी फायदे के लिए थी जो एक बायोलॉजिकल वारफेयर की तरह विश्व में फैलाई गई वहीं चीन अपनी आदतों से बाज ना आते हुए हमारे पड़ोसी होने का गलत फायदा उठा रहा था जो गलवान घाटी घटना के रूप में नज़र आई। अज़रबाईजान वा आर्मीनिया के बीच भी सैनिक युद्ध छिड़ा एक धरती के टुकड़े को लेकर दोनों में भारी जानमाल का नुकसान हुआ। तथा 2021 में कुछ अलग आलम होगा जहां विश्व विजेता इजराइल पहला कोविड-19 मुक्त विश्व विजेता बना वहां आज फिर वारज़ोन बन गया है।
पिछले वर्ष ही इज़रायल संयुक्त अरब इमरान अरब अमीरात के बीच शांति समझौते हुए जहां इज़रायल को फिलिस्तीनीओं द्वारा मांगे हुए कब्जे की ज़मीन में इज़रायल को समर्थन मिला। परंतु इज़रायल की धरती पर हजारों वर्षों से विवाद चल रहा है फिलिस्तीन वहां अपना पवित्र स्थल मानता है तो इज़रायल अपना। इतिहासकारों के अनुसार आधुनिक काल में शेख जरा की जगह यहूदियों की थी, परंतु १८७५ से ब्रिटेन व ऑटोमन यहां पर यहूदियों को अनगिनत तरीकों से प्रताड़ित किर रहे थे। १९०० में आते तक अरबी वहीद यहूदियों के बीच तनाव पनपा। पुनः १९४७, १९४८ में इज़रायल को आज़ादी मिली। परंतु जोडन ने इज़रायल पर कब्जा कर लिया। १९६७ में इज़रायल ने जेरूसलम पर वापिस अपना कब्जा कर लिया। शेख जरा में बसे ६ फिलिस्तीनी परिवारों से जब यहूदियों की जगह खाली करने को कहा गया या इतने वर्षों का किराया देने को तो उन्होंने मना कर दिया। यह बात जब सुप्रीम कोर्ट पहुंची तब उसका फैसला यहूदियों के पक्ष में हुआ और फिलिस्तीनयो से कहा गया की जगह छोड़ दें।
१० मई यहूदियों का आजादी दिवस होता है जो हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है परंतुतु इस साल मातम में तब्दील हो गया। एक सोची-समझी षड्यंत्र में इजराइल फस गया हमास नाम के आंतकवादी संगठन ने इज़राइल पर उसकी मुख्य इमारतों पर वाह यहूदियों से बसे इलाकों में 100 200 रॉकेट दागे। जिसका जवाब इज़रायल का आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम पूरी जी जान से लड़ने में सक्षम तो है परंतु उसको भी हरकत में आने में वक्त लगा क्योंकि हमला अचानक व घातक था जिससे यहूदियों का काफी जान माल का नुकसान हुआ। इज़रायल का एक रॉकेट करीबन 50 लाख डॉलर का है वही हमास का मुश्किल से 300 से 1000 डॉलर का है जो ईरान व कतार की मदद से आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां पर साजिशें यहूदियों के खिलाफ हो रही हैं पहला यह सब कुछ 10 मई को ही क्यों किया? जब शेख जरा के मामले में दोबारा कोर्ट का फैसला आना था और पूरे इज़राइल में दंगे भड़काने गए! यहां तक की उत्तर के लोड व दक्षिण के के अश्कलोन तक पुराने अरबी दंगों को हवा दे रहे हैं। हालात बेकाबू हो चुके हैं लोड के मेयर ने लोड को एक लिब्रेटेड जोन डिक्लेयर कर दिया है। सभी तरह की हवाई सेवा पूरे इजराइल में पूरी तरह से बंद है यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय उड़ाने जो इजराइल के ऊपर से भी गुजरती हैं उन्हें भी बंद कर दिया है मात्र 35 एकड़ की जमीन ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है,”यह अभियान छोटा नहीं है और इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा,” परिणाम स्वरूप आतंकी संगठन हमास पर अब लगातार एयरस्ट्राइक्स की जा रही हैं उनके बड़े अधिकारियों व आतंकी अड्डों पर खात्मा पूरी तरह शुरू हो गया है।
वर्षों से विस्तृत हुआ प्रताड़ित हुआ व अन्य देशों के बीच लैंडलॉक इजरायल ने कमर कस ली है वह एक तीर से दो शिकार नहीं परंतु 56 देशों का धुआं निकालने में सक्षम हो गया है। -मर्यादा नारंग