Monday, November 18, 2024
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पूर्व ईओ पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप,कार्यवाही की मांग

हाथरस। नगर पंचायत सादाबाद में तैनात अधिशासी अधिकारी द्वारा अपनी पूर्व की तैनाती नगर पंचायत मेंडू एवं नगर पालिका परिषद हाथरस में तैनाती के दौरान अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर वित्तीय नियमों शासनादेशों का उल्लंघन कर शासकीय एवं बोर्ड फंड का दुरुपयोग कर बोर्ड फण्ड एवं शासकीय धन व भ्रष्टाचार किए जाने के आरोपों को लेकर एक शिकायत जिलाधिकारी से की गई है और पूर्व अधिशासी अधिकारी द्वारा किए गए गड़बड़झाला व घोटालों की जांच कर कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्टस एसोसिएशन( उपजा) के प्रदेश संगठन मंत्री नीरज चक्रपाणि द्वारा जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वर्तमान में नगर पंचायत सादाबाद में तैनात अधिशासी अधिकारी लल्लनराम यादव भ्रष्ट अधिकारी हैं। और उन्होंने जनपद के नगर पंचायत मेंडू एवं नगर पालिका परिषद हाथरस में तैनाती के दौरान अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर वित्तीय नियमों व शासनादेशों का उल्लंघन कर शासकीय एवं बोर्ड फंड का दुरुपयोग किया है। निकाय एवं राजकीय धन में खुली लूटपाट की गई है। शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि नगर पालिका परिषद हाथरस में तैनाती के दौरान विद्युत उपकरणों की खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार किया गया है, तथा अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पालिका परिषद हाथरस में तैनाती के दौरान सुपरसीट कार्यकाल में अपने अधिकारों का दुरुपयोग व शासन आदेशों का उल्लंघन कर वित्तीय वर्ष 2017.18 में लाखों करोड़ों रुपए के विद्युत उपकरण सामान क्रय करने हेतु बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराकर नगर पालिका परिषद कार्यालय के पत्रांक से 20 मदों में सामिग्री विद्युत उपकरण क्रय किए जाने हेतु समाचार पत्रों में ई.निविदा का प्रकाशित कराकर 17 अगस्त 2017 को निविदा आमंत्रित की गई थी। उक्त निविदाओं में कुल 3 फर्मों द्वारा निविदायें डाली गई थीं। जिसमें 25 प्रतिशत कम न्यून पर दरें प्राप्त होने पर न्यून दरों के अनुसार परफर्मेंस गारंटी ली जानी थी। लेकिन ऐसा अधिशासी अधिकारी द्वारा बिना परफर्मेंस गारंटी लिए ही संबंधित फर्मों की निविदा स्वीत कर ली गई। जो कि नियम विरुद्ध तथा जानबूझकर ऐसा कृत्य कर निकाय राजस्व की क्षति की गई। शिकायती पत्र में आरोप है कि 17 अगस्त 2017 के निविदा दरों को आधार मानकर लगभग दो हजार नग बिना निविदा के ही करोड़ों रुपए का भुगतान कर फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार किया गया। शिकायत में कहा गया है कि बिना निविदा और धनराशि जमा कराए बिना ही सांठगांठ वाले आपूर्तिकर्ताओं को कार्य देश जारी कर करोड़ों रुपए का विद्युत सामान खरीद करने व उनका भुगतान कर निकाय व राजकीय धन की क्षति की गई है। और भ्रष्टाचार किया गया है। शिकायती पत्र में नगर पंचायत मेंडू को लेकर भी तमाम वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उक्त अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पंचायत मेंडू में तैनात रहकर अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर नगर पंचायत अध्यक्ष से मिलकर सरकारी निकाय के धन में गबन करने की योजनाबद्ध होकर अध्यक्ष मनोहर सिंह को शिष्टाचार मद में बिना खर्च किए ही एक हलवाई के नाम से कूटरचित फर्जी बिल वाउचरों का अपने व अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षरों से नगर पंचायत की धनराशि 2 लाख 30 हजार 697 रूपये का भुगतान नगर पंचायत अध्यक्ष को किया गया था। जिसे अध्यक्ष ने अपने निजी बैंक खाता में जमा कर गबन किया गया है। कान्हा गौशाला के निर्माण में अपने स्वजातीय ठेकेदार व फर्म को नगर पंचायत में पंजीत न होने के बावजूद भी लगभग एक करोड़ 65 लाख की धनराशि से निर्माण कार्य स्वीत किया गया और उक्त फर्म व ठेकेदार के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कान्हा गौशाला के निर्माण में घटिया एवं पीला ईटों को लगवाया गया। छत के लेंटर में भी बदरपुर के स्थान पर डस्ट में डलवाया गया और उक्त घटिया निर्माण का भुगतान कराकर घोर अनियमितायें कर भ्रष्टाचार किया गया है। नगर पंचायत मेंडू के कर्मचारी से सांठगांठ कर कर्मचारी के नाम पर नाला सफाई कार्य, मिटटी भराई कार्य, जलापूर्ति लीकेज, एलईडी, भूसा आदि के मद में भी 3 लाख 19 हजार 25 रूपये का भुगतान कर आपस में कर्मचारी के साथ मिलकर बंदरबांट किया गया है। जो की गवन की श्रेणी में आता है।
शिकायती पत्र में कहा गया है कि उक्त अधिशासी अधिकारी द्वारा नगर पंचायत मेंडू में तैनाती के दौरान अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए शासनादेश का उल्लंघन कर बिना निविदा किए ही लाखों रुपए का भुगतान किए जाने, निर्माण कार्यों में आगणन से अधिक दुगने, तिगुने धनराशि से कार्य कराकर ठेकेदारों व फर्मों को भुगतान करके, अपंजीकृत फर्मों से लाखों रुपए का सामान क्रय करके सरकारी बोर्ड में फर्जीवाड़ा कर वित्तीय अनियमितता करके भ्रष्टाचार किया गया है। उक्त अधिशासी अधिकारी के द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत आयुक्त अलीगढ़ मंडल से भी की गई। जिन पर आयुक्त के जांच के आदेश 16 मई 2020 से जिलाधिकारी ने अपने आदेश 28 मई 2020 से ज्वाइंट प्रेम प्रकाश मीणा को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच के निर्देश दिए गए।
शिकायती पत्र में आरोप है कि अधिशासी अधिकारी द्वारा अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय नियमों के साथ शासनादेशों का उल्लंघन कर राजकीय धन में फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार किया गया है और अपने सांठगांठ वाले कर्मचारियों, ठेकेदारों को बिना कार्य व सामान की खरीद किये बिना ही लाखों रुपए का फर्जी भुगतान कर आपस में बंदरवाट करके अवैध रूप से अपने परिवारीजनों व रिश्तेदारों के नाम से संपत्तियां अर्जित की हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त अधिशासी अधिकारी जनपद में जहां.जहां तैनात रहे हैं वहां.वहां इनके द्वारा अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर सरकारी धन की करोड़ों रूपये की क्षति व भ्रष्टाचार किया गया है। उसकी तत्काल जांच करा कर दोषी के विरुद्ध विधिक एवं विभागीय कार्यवाही कर उनके वेतन व चल अचल संपत्तियों से वसूली की जाए तथा अन्यथा की स्थिति में उन्हें मजबूरन कार्यवाही हेतु उच्च न्यायालय की शरण में जाने हेतु विवश होना पड़ेगा।