हाथरस। व्यक्ति के मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रही एसोसिएशन अफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स संस्था अज्ञात शवों के धार्मिक रीति.रिवाज से दाह संस्कार के लिए भी कार्य कर रही है। कोरोना की दूसरी लहर मे जहाँ लोग अपने परिजनों का साथ छोड़ रहे हैं ऐसी भीषण परिस्थिति में भी यह कोरोना योद्धा अपने आप को समर्पित किए हुए हैं।
अज्ञात शव का दाह संस्कार एडीएचआर की देखरेख और समाजसेवी सुनीत आर्य के नेतृत्व में किया गया। जिसके दाह संस्कार की व्यवस्था मे सुनील अग्रवाल अध्यक्ष निस्वार्थ सेवा संस्थान पूर्णरूपेण सहयोग रहा। एक अज्ञात व्यक्ति 30 मई को बस्तोई हाल्ट रेलवे ट्रैक के बराबर घायल अवस्था में मिला। जिसको पुलिस की 108 नंबर ने बागला जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। इलाज के दौरान 6.7 जून मध्य रात्रि में उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की उम्र लगभग 24 वर्ष थी। कोई पहचान नहीं हो पाई। कोतवाली हसायन पुलिस द्वारा शव को शिनाख्त के लिए पोस्टमार्टम हाउस में 72 घंटे के लिए रखा गया। शिनाख्त न होने के कारण शव को लावारिस घोषित कर अंतिम संस्कार के लिए समाजसेवी सुनीत आर्य, एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय से संपर्क किया। समाजसेवियों द्वारा उक्त अज्ञात शव का पत्थर वाली श्मशान गृह पर पूर्णता हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम संस्कार करने वालों में निस्वार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, एडीएचआर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय, सुनीत आर्य, हेडकांस्टेबल राजेश कुमार, कांस्टेबल विकास कुमार आदि शामिल थे।