Friday, May 17, 2024
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ज़िन्दगी की परीक्षा कितनी वफादार – इसका पेपर कभी लीक नहीं होता

मनुष्य को ज़िन्दगी में कर्म रूपी परीक्षा इमानदारी से देना ज़रूरी – फ़ल रूपी रिजल्ट ईश्वर अल्लाह के हाथ में जो कभी लीक नहीं होता – एड किशन भावनानी
भारत में अनेक प्रकार की कई परीक्षाएं जिसमें शैक्षणिक एकेडमिक, प्रोफेशनल, सरकारी नौकरी भर्ती, एंट्रेंस एग्जाम, सहित अनेक प्रकार की परीक्षाएं होती है। जिसके आधार पर मानवीय बौद्धिक क्षमता का मापदंड निर्धारित किया जाता है और एक कटऑफ रेट तैयार किया जाता है जिसके आधार पर सफलता और असफलता का रिजल्ट घोषित किया जाता है। परंतु यह मानवीय उद्दंडता है कि इस परीक्षा में अनेक गैरकानूनी हथकंडे अपनाए जाते हैं जिसमें नकल से लेकर पेपर लीक तक हथकंडे उपयोग किए जाते हैं, ताकि उस परीक्षा में पास हो सके या उसे नौकरी पेशे के लिए चुना जा सके और अपना शेष जीवन का पूरा भविष्य सुरक्षित किया जा सके। हालांकि इस प्रकार की मानवीय सोच कुछ अपवाद स्वरूप तक ही सीमित है जो सफलता का शॉर्टकट रास्ता अपनाने के लिए इस तरह की राह अपनाते हैं उनके लिए यह आर्टिकल सीख़ भरा होगा।… साथियों बात अगर हम परीक्षा की करें तो, सिर्फ परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं है। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। वह एक पड़ाव है।उसे हमें जीवन का एक अहम पड़ाव भर मानना चाहिए। यही सबकुछ है, यह कभी नहीं मानना चाहिए। क्योंकि हमें यह सोच धारण करना चाहिए कि हमें जो ईश्वर अल्लाह द्वारा यह जिंदगी बख्शी गई है, वह भी जीवन से मौत के बीच की अवधि एक परीक्षा की घड़ी ही होती है, जो हम अपने हर दिनचर्या में देते हैं। जिसपर हमें बहुत गहराई से ध्यान देने की ज़रूरत है और इस जीवन से मृत्यु के बीच के समय की परीक्षा अगर मनुष्य ने गैर क़ानूनी हथकंडे अपनाकर जीवन जी लिया याने परीक्षा दे दी तो उसका रिजल्ट निकालना माननीय प्रक्रिया नहीं वह रब की सशक्त प्रक्रिया है। वह उसका पेपर कभी लीक नहीं करता और अंत में अपना रिजल्ट देता है तो पछताने के सिवा फिर कुछ नहीं रहता,जब चिड़िया चुग गई खेत अब पछतावे का क्या होए!!! बड़े बुजुर्गों बुजुर्गों ने भी कहा है कि जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान यह है गीता का ज्ञान। यह है गीता का ज्ञान।….. साथियों बात अगर हम परीक्षा की करें तो,परीक्षा दो प्रकार की होते हैं एक स्कूल की परीक्षा दूसरी जीवन का परीक्षा। स्कूल की परीक्षा तो कुछ ही सालों में ख़त्म हो जाता है। लेकिन जीवन की परीक्षा हमारे साथ मरते दम तक चलते रहती है। जीवन में बहुत सी परीक्षाएं देनी पड़ती है और यह परीक्षा एक ऐसी परीक्षा होती है जो हमें न चाहते हुए भी देनी पड़ती है। स्कूल की परीक्षा में तो कुछ ही दिनों बाद रिजल्ट आ जाता है, लेकिन विडंबना यह है की जीवन की परीक्षा में कभी -कभी रिजल्ट भी नहीं आता है। जब आता है तो हमें उसे समझना भी पड़ता है।… साथिया बात अगर हम अपनी जिंदगी और मौत के बीच के समय की करें तो इसे लीक करना मानव के बस में नहीं होता। जबकि एकेडमिक परीक्षा का समय हमें एक दो या तीन घंटे का है यह मालूम रहता है, और उस समय अवधि में हम अपना पर्चा देकर पूरा रणनीति रोडमैप बनाकर उस एक-एक मिनट का उपयोग करते हैं और अच्छे से अच्छा उत्तर देने की कोशिश करते हैं। इसी रणनीति को हमको असल ज़िन्दगी और मौत के बीच की अवधि रूपी परीक्षा में भी अपनाना चाहिए जिसका समय, जीवन समाप्ति की अवधि निश्चित नहीं होती। इसलिए हमें जिंदगी के हर पल को इमानदारी, अच्छाई, परोपकारी,जांबाज़ी, देशभक्ति, देशहित, में खर्च करना चाहिए।… साथियों बात अगर हम वर्तमान दिनांक 24 जुलाई 2021 उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से 9 व्यक्तियों और महाराष्ट्र में बाढ़ से 128 व्यक्तियों की जिंदगी हारने की करें तो, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ऐसा हादसा होगा और यूं ही जिंदगी का अंत होगा याने यह बात लीक होती तो, कभी भी अन्य प्रदेशों के लोग उस हादसे वाले स्थान पर नहीं जाते या महाराष्ट्र के हमारे साथी पहले ही सुरक्षित स्थानों पर चले जाते और कोरोना महामारी में हमारे लाखों साथियों ने जिंदगी हारी। कभी यह बात जिंदगी हारने के पहले लीक नहीं हुई। यदि ईश्वर अल्लाह द्वारा बक्शी जिंदगी की जीवनचर्या रूपी परीक्षा लीक होती तो हम बहुत पहले ही सतर्क होते। इसलिए किसी ने बहुत सुंदर बात कही है कि जिंदगी की परीक्षा कितनी वफादार है इसका पेपर कभी लीक नहीं होता।…साथियों बात अगर हम इस आर्टिकल से अभिप्रेरणा की करें तो, ज‍िंदगी कई कदमों पर हमारी परीक्षा लेती है और ऐसे मौके भी आते हैं ज‍ब आगे बढ़ते हुए हमारी ह‍िम्‍मत छूटने लगती है। इन पर‍िस्‍थ‍ित‍ियों मेंमोट‍िवेशनल कोट्स हमारे ल‍िए सारथी की तरह काम करते हैं। सफलता की राह में कभी हमारे ज़जबे न टूटें और हौसले बुलंद रहें, इसलिए हमें जिंदगी और मौत के बीच के समय रूपी परीक्षा को संजीदगी से देने की जरूरत है। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो हम देखेंगे कि जिंदगी की परीक्षा कितनी वफादार है, इसका पेपर कभी लीक नहीं होता और मनुष्य को जिंदगी में कर्म रूपी परीक्षा इमानदारी से देना बहुत जरूरी है क्योंकि फल रूपी रिजल्ट ईश्वर, अल्लाह के हाथ में है जो कभी लीक नहीं होता।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र