आर्यन खान के सपोर्ट में अब फ़िल्म मेकर हंसल मेहता ने अजीब ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि गांजा और भांग कई देशों में लीगल है। हंसल मेहता का कहना है कि 377 की तरह इस कानून को बदलने के लिए आंदोलन होना चाहिए, क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तो हद ही हो गई सुपर स्टार का बेटा न होकर कोई राजा का बेटा हो गया जिनके लिए कानून को जड़ से बदलने की शिफ़ारिस होने लगी है।
हंसल मेहता के अलावा सुनील शेट्टी, स्वारा भास्कर, तनीषा मुखर्जी कई सिलेब्स आर्यन की गिरफ्तारी को हैरामसमेंट बता चुके हैं। शाहरुख खान के इंडस्ट्री के फ्रेंड्स और फैंस उनके साथ हैं। सलमान खान को कई बार मन्नत जाते हुए देखा गया है। करण जौहर भी शाहरुख-गौरी से मिलने उनके घर जा चुके है। बेशक आप दोस्त हो दोस्त के उपर आन पड़ी विपदा में साथ खड़े रहो, पर ये भी तो सोचो की विपदा जायज़ भी है या नहीं।
कानून क्या आज बना है? अभी तक इतने लोगों के खिलाफ कार्यवाही हुई तब किसीको बुरा नहीं लगा, शाहरुख खान का लड़का फंसा है तो कानून का दुरुपयोग नज़र आने लगा। जैसे टाडा में गिरफ़्तार संजय दत्त की गिरफ़्तारी के बाद टाडा कानून को निरस्त कर दिया गया। ठीक उसी तरह आर्यन खान को ड्रग्स लेने के आरोप में जब से बंद अरेस्ट किया है तब से लगातार कानून पर ही सवाल खड़ा किया जा रहा है। इन प्रबुद्धों को यह सोचना चाहिए कि कानून गरीब और अमीर सबके लिए बराबर होता है।
जब बच्चें गलती करते है तब पिता का फ़र्ज़ होता है की उस गलती का एहसास बच्चे को करवाए, खुद तो सज़ा नहीं दे पाते कम से कम कानून को उनका काम करने दें। अगर निर्दोष पाया जाता है तो बेशक छूट जाएगा।
ज़िम्मेदार अभिभावक इसे कहते है विश्व के टॉप एक्टर “जैकी चैन” के बेटे “जैसी” को 2014 में ड्रग्स मामले में पकड़ा गया था, उसे 3 साल की सजा हुई थी और उसको 6 महीने की जेल काटनी पड़ी थी। सुना है जब बेटा अरेस्ट हुआ तब जैकी चैन ना तो उससे मिलने गए ,ना अंडरग्राउंड हुए और नां ही अपने स्टेटस का इस्तेमाल उसकी किसी भी मदद के लिए किया।
जैकी ने बाद में बेटे के इस कृत्य पर मिडिया में पब्लिकली देश से माफ़ी मांगी थी और कहा की इसके लिए मेरा बेटा तो जिम्मेदार है ही साथ ही मैं भी जिम्मेदार हूँ, शर्मिंदा हूँ शायद मेरी परवरिश में ही कुछ कमी रही होगी जो बेटे को सही संस्कार ना दे सका, आप सभी लोग ड्रग्स से दूर रहे, ये समाज के लिए बहुत खतरनाक है ! कहते है बाद में जैकी चैन ने अपनी अरबो की सारी संपत्ति चैरिटी कर दी और कहा अगर मेरा बेटा लायक हुआ तो खुद कमा लेगा अन्यथा वो इसे भी व्यर्थ गवां देगा।
मान लें की ये थोड़ी ज़्यादा सख़्ती हो गई, पर दुःख की बात ये है कि हमारे यहाँ ऐसी घटिया हरकतें करने वाले बेटों के बाप और उनके कथित शुभचिंतक, ऐसी घटनाओं पर शर्मसार होने के बजाय अपने बेटों के साथ खड़े होकर उनकी हरकतों का खुल कर समर्थन करते कानून को कोसते नज़र आ रहे है। देश के ज़िम्मेदार नागरिक बनकर कानून पर भरोसा रखकर कानून को अपना काम करने देना चाहिए। और कानून के रखवोलों का भी फ़र्ज़ बनता है की अच्छी तरह छानबीन के बाद फैसला लें, गुनहगार बच निकलना नहीं चाहिए और बेगुनाह मारा न जाए।
भावना ठाकर ‘भावु’ (बेंगुलूरु, कर्नाटक)