हाथरस। बलभद्र महायज्ञ की तैयारियों को लेकर व्यवस्थापक समिति की एक बैठक डिब्बा गली स्थित पं. उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी ज्योतिष कार्यालय पर हुई। जिसमें कुंड मंडप निर्माण व सामिग्री संकलन आदि पर विचार रखे गए।बैठक की अध्यक्षता करते हुए यज्ञार्य उपेंद्रनाथ ने कहा कि यज्ञ स्थल पर यजमान और श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था उत्तम होनी चाहिए। वहीं हवन कुंडों परिक्रामार्थ भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि हवन-यज्ञ में आहुतियों कं बाद परिक्रामा का विशेष महत्व होता है। यज्ञ कुंडों की परिक्रामा से सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही संपन्नता व सकारात्मक सोच का मानव शरीर में उद्भव होता है। इस मौके पर 4 मार्च को निकलने वाली कलश यात्रा को लेकर चर्चा हुई। साथ ही कलश यात्रा का रूट व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारियां सौंपी गई। इस मौके पर कार्यक्रम को लेकर पुनः जानकरी देते हुए बताया कि 3 मार्च को मध्याह्न 11 बजे से सर्व प्रयचित के साथ होग। 4 मार्च को भव्य कलश यात्रा। 5 मार्च शनिवार से सुबह नौ बजे से नित्यार्चन व मध्याह्न 2 बजे से हवन-यज्ञ में आहुतियां दी जायेंगी। जबकि 9 मार्च को साढ़े 5 बजे अस्ति पुषांजलि तक होगी और 10 मार्च को सायं 4 बजे यज्ञ में पूर्ण आहुति दी जायेगी। जबकि 11 मार्च को भगवान श्री बलभद्र व माता रेवती के श्रृंगार आरती दर्शन और प्रसादी वितरण होगा।
इस मौके पर यज्ञाचार्य उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी, मनु महाराज, सेवायत पुजारी गोवर्धननाथ चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, प्रबल चतुर्वेदी, प्रवीण चतुर्वेदी, शरद अग्रवाल, राजेंद्र वार्ष्णेय, मदनगोपाल वार्ष्णेय, किशन शर्मा, शरद अग्रवाल, हरिओम मुसद्दी, राजेन्द्रनाथ चतुर्वेदी, श्याम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।