पीड़िता की पहचान रखें गोपनीय,बरतें सावधानी
हाथरस। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देशन में पुलिस लाइन स्थित जिला प्रशिक्षण इकाई कक्ष में पोक्सो एक्ट, महिला संबंधी अपराध से सम्बन्धित विवेचनाओं के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान क्षेत्राधिकारी लाइन डा. आनंद कुमार, क्षेत्राधिकारी अपराध मनोज शर्मा तथा बाल कल्याण समिति के सदस्य विनोद चौधरी, भानूप्रताप सिंह एवं जेजे बोर्ड के सदस्य हरीमोहन शर्मा, अपराध शाखा प्रभारी, महिला थाना प्रभारी एवं जनपद के सभी थानों से आये हुए पोक्सो एक्ट के विवेचक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थानों के पोक्सों एक्ट के विवेचकों को पोक्सो एक्ट व महिला सम्बन्धित अपराधों की विवेचनाओं के बारे में विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान रखने वाली बातें बतायी गयी तथा पोक्सों एक्ट के सम्बन्ध में जारी शाशनदेश, डीजी सर्कुलर, उच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पोक्सो अभियोगों की विवेचना में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने हेतु निर्देशित किया गया।
पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि पोक्सो एक्ट के मामलों में पीड़िता के 164 सीआरपीसी के बयान अनिवार्य रूप से करवा लिए जायें तथा पीड़ित पक्ष की काउन्सिंलिंग भी अनिवार्य रूप से करायें। जिसमें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का सहयोग लें तथा यह भी अवगत कराया कि महिला सम्बंधी अपराध तथा पोक्सो एक्ट के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही सावधानी के साथ की जाये तथा पीड़िता की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाये। विवेचना में आवश्यकतानुसार अभियोजन अधिकारी की राय भी ली जाये, जिससे विवेचनाओं की गुणवत्ता अच्छी हो सके तथा पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके व दोषियों को पुलिस की प्रभावी पैरवी से कठोर सजा मिल सके।
पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यशाला में सभी विवेचकों को बताया गया कि महिला सम्बंधी अपराध, विशेषकर पोक्सो एक्ट के मुकदमों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिये। ताकि जल्द से जल्द चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर मुकदमें की प्रभावी पैरवी करते हुए दोषियों को सजा दिलायी जा सके।कार्यशाला में पोक्सो एक्ट के विवेचकों द्वारा विवेचनाओं के मध्य आने वाली विभिन्न जटिलताओं के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक तथा सीडब्ल्यूसी सदस्यों को बताया गया, जिस पर विस्तार से चर्चा करते हुए सभी विवेचकों का उचित मार्गदर्शन किया गया।