Thursday, May 9, 2024
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केडीए का भ्रष्टाचार जनता कर रही अपने घर गिराने की गुहार

कानपुर दक्षिण, अवनीष सिंह। शहर के किदवई नगर स्थित केडीए रेजीडेंसी में एक अजब प्रकरण निकल कर आ रहा है। यहां रहने वाले लोगों ने कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से परेशान होकर केडीए रेजीडेंसी की बाहरी दीवारों पर बैनर लगा कर योगी सरकार से अपने घरों को गिराने की मांग की है। बैनरों में साफ-साफ यहां के लोग केडीए के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं एवं योगी जी से अपने अपार्टमेंट को गिराने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि 3 वर्ष पूर्व लिए गए फ्लैटों से पानी रिस रहा है, कॉलम और बीम में दरारें आ गई है, जिससे यहां पर रहने वाले परिवारों को जान का खतरा दिन रात सता रहा है।

कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 3 वर्ष पहले किदवई नगर के ओ ब्लॉक में केडीए रेजीडेंसी की स्कीम निकाली गई थी। जिसमे 192 फ्लैटों का निर्माण करके लो-गों को बेंचा गया था। यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि जब से इन फ्लैटों में रहने आए हैं तब से इन फ्लैटों में पिलर, बीम में दरार आ रही है एवं बेसमेंट में दीवारों से लगातार काफी मात्रा में पानी निकल रहा है। जिसकी शिकायत केडीए के अधिकारियों से 30 से 35 बार की गई। लेकिन हर बार जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई, अभी तक उनकी समस्याओं का निदान नहीं किया गया। खराब गुणवत्ता से तैयार किए गए अपार्टमेंटों के गिरने की आशंका के चलते यहां रहने वाले सभी लोगों को जान का खतरा बना रहता है। यहां रहने वाले अरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने जब फ्लैट बुक किया था। तब केडीए के अधिकारियों ने प्रत्येक ब्लॉक में 3 लिफ्ट के हिसाब से 4 ब्लॉक में कुल 12 लिफ्ट लगाने की बात की थी। लेकिन बाद में सिर्फ एक ब्लॉक में एक ही लिफ्ट लगा कर दी, कुल चार ब्लॉक में केवल 4 लिफ्ट ही मौजूद हैं। साथ ही उन्होंने पार्किंग के नाम पर तय कीमत से 3 लाख रुपए ज्यादा लेने का आरोप केडीए विभाग के ऊपर लगाया। यही रहने वाली रिनी वर्मा ने बताया कि अग्निशमन विभाग के अधि कारी ने केडीए रेजीडेंसी में आकर देखा तो नियमों को ताक में रखकर बिल्डिंग का निर्माण किया गया है, फायर ब्रिगेड की गाड़ी रेसीडेंसी के मुख्य द्वार से अंदर नहीं आ सकती ने बताया कि उनके विभाग द्वारा केडीए को एनओसी नही दी है। वहीं मौके पर पहुंचे केडीए के अधिकारियों से जब अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने एनओसी दिखाने को कहा तो वो एनओसी होने की बात कह कर एनओसी दिखा नहीं पाए। रेसीडेंसी के बाहर लगे बैनरों में फ्लैटों को गिराने की सूचना पर केडीए के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों को जांच कराने का आश्वासन दिया।
हमारे संवाददाता से हुई बातचीत में अधिशासी अभियंता धीरेन्द्र बाजपेई ने बताया कि केडीए द्वारा एचबीटीयू और आईआईटी से अल्ट्रा-सोनिक पल्स वेलोसिटी टेस्ट व एनडीटी टेस्ट जांच करा कर यहां रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। खैर अब जांचे तो चलती रहेगी यह प्रक्रिया तो आम जनता तो अच्छे से समझती है। देखना यह है कि रेसीडेंसी में रहने वाले लोगों को योगी सरकार में न्याय मिलेगा कि नहीं। क्योंकि रेसीडेंसी की मौजूदा स्थिति केडीए के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की हकीकत को बयां कर रही है।