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उपजिलाधिकारी मैथा ने शिवली कस्बे में का औचक निरीक्षण किया
शिवली/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। उपजिलाधिकारी मैथा रामशिरोमणि द्वारा आज नगर पंचायत शिवली कस्बे में साफ सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया गया। जहाँ सभी कर्मचारी कार्य पर उपस्थित मिले। आज सोमवार कस्बा शिवली के सुभाष नगर में उपजिलाधिकारी व अधिशाषी अधिकारी एमएल गौतम ने साफ सफाई का निरीक्षण किया। जिसमें सभी कर्मचारी कार्य करते पाए गए। सुभाष नगर में सफाई कर्मचारी राजेश नन्हकी, गांधी नगर में रेखा, सुशील व सफाई नायक अमित, दिनेश मौके पर पाए गए उपजिलाधिकारी ने सभी कर्मचारियों की प्रशंसा की।
Read More »कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के सम्पर्क में आये व्यक्ति कन्ट्रोलरूम में दे जानकारी
पाजिटिव लोगो के सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति बाद में जानकारी छिपाते हुए पाये जाने पर उनके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में की जायेगी नियमानुसार कार्यवाही -सिटी मजिस्ट्रेट
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। नगर मजिस्ट्रेट, प्रयागराज ने बताया है कि जनपद प्रयागराज की तहसील बारा के ग्राम कपारी के निवासी अभिषेक मिश्र व निखिल मिश्र दिनांक 24.04.2020 को कोराना पॉजिटिव पाये गये है। इसलिए दिनांक 20.04.2020 से 24.04.2020 के मध्य इन दोनो व्यक्तियों के सम्पर्क में आये व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सम्पर्क की जानकारी उप जिलाधिकारी, बारा प्रयागराज के मो0नं0 9454417819, मख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज के मो0नं0 9454455138 तथा कन्ट्रोलरूम के दूरभाष संख्या-0532-2641577 अथवा 0532-2641578 पर देना सुनिश्चित करेगें। यदि सम्पर्क में आये व्यक्ति द्वारा सूचना नही दी जाती है और बाद में सम्पर्क की जानकारी प्राप्त होने पर उनके विरूद्ध आई०पी०सी० की धारा-188, महामारी अधिनियम तथा उ0प्र0 राज्य आपदा नियमावली-2005 में निहित प्राविधानों के अंतर्गत सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जायेगी।
इलाज के दौरान इंसपेक्टर की मौत, परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
कानपुरः अर्पण कश्यप। बर्रा-8 में किराये पर रहने वाले इंसपेक्टर की आपरेशन के बाद इलाज के दौरान मौत हो गयी। देर रात बर्रा स्थित किराये के घर में उनका शव पहुंचा।
मिली जानकारी के अनुसार औरया जनपद के फंफूंद थाना प्रभारी निरीक्षक संजीव राठौड़ के गले में काफी समय पुरानी एक गाॅठ थी। बताया गया कि आपरेशन के लिये उन्होने अपने किसी करीबी से बात की थी।
शनिवार को उन्होंने एक निजी अस्पताल में आपरेशन कराया था। देर रात उनकी तबीयत बिगड़ने पर कानपुर के कार्डियोलाजी लाया गया जहाॅ उन्हे मृत घोषित कर दिया गया। जहाॅ देर रात उनके शव को बर्रा-8 स्थित एच ब्लाक मंे लाया गया। शव पहुचते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। बताया गया परिवार में पत्नी सुचि (नीलू) बेटा शुयश व एक बेटी है। मृतक के परिजनों ने निजी अस्पताल पर लापरवाही व गलत आपरेशन करने का आरोप लगाया।
संजीव राठौड़ के मकान मालिक राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि संजीव उनके मकान में लगभग 17 वर्षो से रह रहे थे। वो बहुत ही सरल स्वाभाव के थे व कानपुर के कई थानों में बतौर थाना प्रभारी रह चुके थे।
बर्रा प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय ने बताया कि शव को पीएम के लिये भेज दिया गया है। अगर परिजन शिकायत दर्ज कराते हैं तो कार्यवाही की जायेगी।
छात्रों की ही नहीं अब गुरुजनों की भी लगेगी ऑनलाइन क्लास
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ऑनलाइन पढ़ाई की निगरानी हेतु प्रत्येक जनपद में नियुक्त किये जाएंगे नोडल अफसर
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना महामारी के की वजह से देश मे लॉकडाउन घोषित होने से शिक्षा व्यवस्था में काफी बाधाएं देखने को मिल रही हैं। स्कूल और कॉलेज बंद होने से विद्यार्थियों की शिक्षा में बेहद गिरावट आई है। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए यूपी बाल संरक्षण अधिकारी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की जाये। यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि सभी डीएम ऑनलाइन एजुकेशन की निगरानी के लिए नोडल अफसर की नियुक्ति करें जिससे कि बच्चों की शिक्षा पर लॉकडाउन का असर न पड़े। जनपदों के सभी स्कूलों ने नोडल अधिकारी की देखरेख में प्रतिदिन ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जायेगी। साथ ही ऑनलाइन क्लासेज के बारे में अभिभावकों को भी सूचित करने के लिए कहा गया है यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के नाम पर आईडी व पासवर्ड न बनाकर शिक्षक या अभिभावक के नियंत्रण में यह कार्य किया जाये। यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्पष्ट किया है कि जैसे स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होती है उसी तरह ऑनलाइन कक्षाओं में भी बच्चों की डिजिटल रूप से सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की ही होगी। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को मोबाइल एप्लिकेशन के दुष्प्रभावों पर भी शिक्षकों को चर्चा करनी होगी।
Read More »संविदा पर तैनात कर्मचारी कर रहे हैं स्थायीकरण की मांग
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तैनात संविदा कर्मचारी अब मुख्यमंत्री से स्थायीकरण की मांग कर रहें हैं। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मयंक प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र में सभी एनएचएम संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की लड़ाई में हम सभी अपनी अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपने दायित्वों का पूर्णतया पालन कर रहे हैं।एनआरएचएम के तहत बहुत से कर्मचारी आउटसोर्सिंग और राज्य एवं जिला स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से अल्प मानदेय पर पिछले 15 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में कार्य कर रहे हैं। अतः इस वैश्विक महामारी के संकट काल में समस्त संविदा कर्मचारियों के कार्यों एवं समस्याओं को ध्यान में रखते हुये स्थायीकरण करने की कृपा करें। उनका कहना है कि इसके पहले भी उ०प्र० राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ, रिजवी कमेटी की संस्तुतियों को लागू करने, ग्रेड पे व पे बैण्ड पे देने, आउटसोर्सिंग नियुक्ति प्रक्रिया को खत्म करने, आउटासोर्सिंग से रखे गए कर्मचारियों को नियमित करने की मांग कर चुके हैं।
Read More »जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी कोरोना संकट नहीं बन रहे हैं प्रमाणपत्र
विंध्याचल में नहीं मिलता था पाँव रखने का स्थान इस बार मंदिर रहा सूना
विंध्याचल/मीरजापुर, सच्चिदानंद सिंह। विंध्यवासिनी दरबार में अक्षय तृतीया के अवसर पर जहाँ कभी कदम टिकाना अत्यंत दुर्लभ होता था, वही कोरोना के चलते घोषित तालाबन्दी ने ऐसा दृश्य स्थापित कर दिया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी। इस पावन तिथि पर माँ विन्ध्यवासिनी दरबार में लाखों भक्तों का हुजूम उमड़ता था, दर्शनार्थियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिलाप्रशासन के हाथपांव फूलने लगते थे। विन्ध्याचल की हर गलियां, हर गंगाघाट के अलावा समस्त वाहन स्टैंडों, रोडवेज परिसर, रेलवे स्टेशन, होटलों, यात्री निवासों व धर्मशालाओ में सिर्फ और सिर्फ माँ के भक्तों के द्वारा जयकारे का उदघोष ही सुनाई देता था। मन्दिर परिसर में हजारों उपनयन व मुण्डन संस्कार संपादित होते थे। विन्ध्यधाम का प्रत्येक निवासी तीर्थपुरोहित, दुकानदार से लेकर अन्य समस्त वर्गों के लोग हज़ारों लाखों की आमदनी किया करते थे, आज विश्ववापी वैश्विक महामारी ने यहाँ के अधिकतम लोगों को अन्नजल के लिए दूसरों की दया पर निर्भर कर रखा है। वर्तमान में अस्सी फ़ीसदी स्थानीय अपने आश्रित परिजनों की दैनिक आवश्यकताएं पूर्ण करने में स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं। यहाँ जीवनयापन के लिए बाहरी आगन्तुओं पर ही निर्भर हैं। तालाबन्दी हटने के पश्चात भी यहाँ का व्यवसाय शुरू होने में महीनों लग सकते है।
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